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जोड़ घटाव के गणित में जुटे समर्थक

जोड़ घटाव के गणित में जुटे समर्थकप्रतिनिध, शाहकुंडप्रखंड क्षेत्र में विधानसभा का चुनाव समाप्त होते ही एनडीए, महागंठबंधन व निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थकों द्वारा बूथ वाइज फीडबैक प्राप्त कर हार-जीत के अंकगणित में उनके समर्थक जुट गये हैं. इन समर्थकों द्वारा फीडबैक में उनके समर्थक जुट गये हैं. अंबा गांव के किसानों ने पानी को […]

जोड़ घटाव के गणित में जुटे समर्थकप्रतिनिध, शाहकुंडप्रखंड क्षेत्र में विधानसभा का चुनाव समाप्त होते ही एनडीए, महागंठबंधन व निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थकों द्वारा बूथ वाइज फीडबैक प्राप्त कर हार-जीत के अंकगणित में उनके समर्थक जुट गये हैं. इन समर्थकों द्वारा फीडबैक में उनके समर्थक जुट गये हैं. अंबा गांव के किसानों ने पानी को ले किया वोट का बहिष्कारधान की फसल बरबाद होने से किसानों में बढ़ रहा है गुस्साएक दर्जन गांव के किसान सड़क पर उतरने के लिए हो रहे हैं गोलबंद प्रतिनिधि, शाहकुंडशाहकुंड प्रखंड के किसानों से पिछले एक माह से इंद्रदेव के रूठ जाने से यहां के किसानों के रोजी-रोटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. प्रखंड के अंबा गांव के किसानों ने कोझी डैम से सिंचाई की मुकम्मल व्यवस्था की मांग को लेकर वोट का बहिष्कार कर दिया. अंबा गांव में बड़े पैमाने पर सिंचाई के अभाव में धान के फसल मर रही है, जबकि पंचायत के ही चार अन्य गांव में वोट बहिष्कार का आंशिक असर रहा. इन गांवों में बिना उत्साह के 20 से 25 फीसदी मतदान हुआ. अब इस पंचायत के किसानों का कहना है कि पानी के लिए निर्णायक लड़ाई जारी रहे. किसान जल्द ही सड़क पर उतरने के लिए गोलबंद हो रहे हैं. क्या कहते हैं किसानललन सिंह ने बताया कि कोझी डैम से पानी मिलने के बाद ही सिंचाई संभव है. डैम से नहर को मिलने वाले पानी का होम पाइप जल स्तर से ऊपर है, जिससे क्षेत्र के दर्जनों गांवों में प्रतिवर्ष फसल बरबाद हो रही है. निशांत कुमार ने बताया जल स्तर नीचे चले जाने से बोरिंग से पानी मिलना बंद है. पूर्व में डैम से पानी मिलने से क्षेत्र में अच्छी उपज होती है. 25 वर्ष से किसान इस संकट से जूझ रहे हैं. पानी के अभाव में धान के साथ रबी की फसल भी बरबाद होती है. अमर सिंह ने कहा कि कोझी डैम से पानी के लिए 10 गांव के किसानों की निर्णायक लड़ाई जारी रहेगी. गांव में 15 छोटे नलकूप है, जिससे पानी निकलना बंद है. छोटू सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र की मुख्य फसल धान है. पानी के अभाव में फसल मर रही है. रोजी-रोटी पर आफत है. किसान सुविधा के अभाव में गांव से पलायन कर रहे हैं. दिनकर कुमार सिंह ने कहा कि धान का कटोरा वाले इस प्रखंड के किसान की हालत दयनीय है. प्रखंड के किसान बाढ़ व सुखाड़ के चपेट में प्रतिवर्ष रहते हैं. प्रशांत ने कहा छोटे व बड़े नलकूप से एक गांव की समस्या का निदान होगा. कोझी डैम के पानी से 10 गांव के किसान खुशहाल होंगे. यह मांग 10 गांव के किसानों का है. उपेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि 10 गांव के किसानों का पानी के अभाव में फसल बरबाद हो रही है. जनप्रतिनिधियों ने वर्षों से वादा कर धोखा दिया. चुनाव के समय वादा करते हैं फिर समस्याओं को जानने का प्रयास नहीं करते हैं. शिव यादव ने कहा कि सात एकड़ में कर्ज लेकर धान की फसल लगायी है. सिंचाई के अभाव में फसल मर रही है. प्रतिवर्ष इस खेती से कर्ज में डूब रहा हूं. स्थानीय पदाधिकारी भी निदान के प्रति खामोश हैं, जिससे संकट गहरा गया है. मंगल दस ने कहा कि पानी के अभाव में मर रही फसल के कारण वोट का बहिष्कार किया. जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारी ने उदासीनता दिखाई, तो आगे बड़ी लड़ाई लड़ी जायेगी. धान के बचाव के लिए सिंचाई की व्यवस्था जल्द हो. शिवज्ञा सिंह ने कहा कि सिंचाई के साथ-साथ पीने के पानी पर संकट है. रोजी-रोटी की मांग को लेकर वोट बहिष्कार किया. पीएचडी के पदाधिकारी शिकायत के बाद भी गांव नहीं आते हैं. नलकूप उदासीनता की वजह से बंद पड़ा है.

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