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गले मिल कहा, बकरीद मुबारक हो

भागलपुर : सच्ची नियत व परहेजगारी के साथ लोगों ने शुक्रवार काे हजरत इब्राहिम अलैह सलाम की सुन्नत ईद-उल-अजहा (बकरीद)मनायी. मौके पर अकिदतमंदों ने भाईचारा, अमन व विश्व शांति के लिए दुआ मांगी. सारे गिले- शिकवा भुला लोगों ने एक-दूसरे को बकरीद की बधाई दी. बकरीद को लेकर मुसलिम बहुसंख्यक इलाका गुलजार रहा. बकरीद की […]

भागलपुर : सच्ची नियत व परहेजगारी के साथ लोगों ने शुक्रवार काे हजरत इब्राहिम अलैह सलाम की सुन्नत ईद-उल-अजहा (बकरीद)मनायी. मौके पर अकिदतमंदों ने भाईचारा, अमन व विश्व शांति के लिए दुआ मांगी. सारे गिले- शिकवा भुला लोगों ने एक-दूसरे को बकरीद की बधाई दी. बकरीद को लेकर मुसलिम बहुसंख्यक इलाका गुलजार रहा. बकरीद की नमाज कर्णगढ़ सीटीएस मैदान, शाहजंगी ईदगाह, बरहपुरा ईदगाह, फतेहपुर ईदगाह, शाहजहानी मसजिद मौलानाचक, शाही मसजिद शाह मार्केट, जामा मसजिद तातारपुर, शाही मसजिद लाल कोठी जब्बारचक, जामा मसजिद भीखनपुर, जामा मसजिद बरारी,जामा मसजिद चंपानगर, जामा मसजिद हुसैनाबाद, जामा मसजिद मोजाहिदपुर, गौसिया मसजिद हुसैनपुर, जामा मसजिद हबीबपुर, जामा मसजिद चमेलीचक आदि मसजिदों में अदा की गयी.

ईदगाहों व मसजिदों में नमाज अदा करने के लिए सुबह से ही अकिदतमंदों की भीड़ उमड़ने लगी थी. मसिजदों में जगह नहीं मिलने पर लोगों को सड़क पर भी नमाज अदा करनी पड़ी. बकरीद पर लोगों को संबोधित करते हुए भीखनपुर जामा मसजिद के इमाम कारी नसीम अशरफी ने कहा कि बकरीद का त्योहार तकबा व परहेजगारी का संदेश देता है. हजरत इब्राहिम अलैह सलाम की सुन्नत है. आपसी भाईचारा व शांति का भी पैगाम बकरीद देता है. दूसरों के काम आना भी त्योहार का मकसद है. हजरत इब्राहिम ने अल्लाह के हुक्म को मानते हुए अपने बेटे की कुरबानी देने के लिए राजी हो गये. इस जज्बे के साथ लोगों को चाहिए की दूसरों के लिए काम आये. स्वार्थ की भावना से यह काम नहीं करें. बल्कि अल्लाह के रजामंदी के लिए करें. तभी बकरीद त्योहार मनाने का असल मकसद होगा.

बच्चों ने की मौज-मस्ती: बकरीद को लेकर ईदगाहों व मसजिदों के बाहर मेला जैसा माहौल था. बच्चें छोटे व बड़े झूला का लुत्फ उठाया. गोल गप्पे खाये औश्र जम कर मौज -मस्ती की. बकरीद को लेकर बच्चे खासे उत्साहित थे. बकरीद की नमाज अदा करने के लिए बच्चे सुबह से तैयारी में जुटे थे. मो आशिक, तारीक, सोहेल आदि बच्चों ने बताया कि साल में एक बार मौका मिलता है दोस्तों के साथ मौज -मस्ती करने का.

गले मिलने का चलता रहा दौर: बकरीद की नमाज अदा करने के बाद गले मिलने का दौर देर शाम तक चलता रहा. एक-दूसरे को मुबारकवाद देने के लिए झुंड में लोग रिश्तेदारों व दोस्तों के घर पहुंच रहे थे. गले मिल कर मुबारकवाद दे रहे थे.पूरा माहौल खुशनुमा बना था. महिलाएं भी झुंड में अपने रिश्तेदारों के घर पहुंच रही थी.

गले मिल दी बकरीद की मुबारक बाद- सबौर में मुसलिम भाइयों ने हर्ष व उल्लास के साथ बकरीद त्याहोर मनाया. सुबह फतेहपुर, सबौर, चंदेरी, मिर्जापुर, राजपुर आदि गांवों मसजिदों व ईदगाह मैदानों में लोगों ने बकरीद की नमाज अदा की व एक दूसरे को गले मिल बकरीद की मुबारकवाद दी . ईदगाह से लौट कर अपने घर में कुर्बानी की रस्म अदा की. बकरीद त्योहार को लेकर सभी मुसलिम बस्तियों में खुशी का महौल था. देर शाम तक घरों में मेहमानबाजी का दौर जारी था.

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