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बरारी आवास बोर्ड की जमीन पर बनेंगे 272 नये फ्लैट
भागलपुर : दिल्ली और नोएडा में बने फ्लैटों की तरह भागलपुर के बरारी स्थित आवास बोर्ड की जमीन पर नगर विकास विभाग द्वारा 272 फ्लैटों का निर्माण करायेगा. इसके लिए 101.55 करोड़ रुपये का आवंटन शुरू हो गया है.यह जानकारी निगम के मेयर दीपक भुवानिया ने दी. उन्होंने बताया कि आवास बोर्ड की 3.75 एकड़ […]
भागलपुर : दिल्ली और नोएडा में बने फ्लैटों की तरह भागलपुर के बरारी स्थित आवास बोर्ड की जमीन पर नगर विकास विभाग द्वारा 272 फ्लैटों का निर्माण करायेगा. इसके लिए 101.55 करोड़ रुपये का आवंटन शुरू हो गया है.यह जानकारी निगम के मेयर दीपक भुवानिया ने दी. उन्होंने बताया कि आवास बोर्ड की 3.75 एकड़ जमीन पर यह निर्माण कार्य कराया जायेगा. दो महीने के अंदर टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. निर्माण कार्य स्थल पर 70 प्रतिशत क्षेत्र को खुला रखा जायेगा.
उन्होंने बताया कि इसका निर्माण कार्य पीपीपी मोड पर होगा. तीन तरह से फ्लैटों का निर्माण कार्य होगा. टू जी प्लस में 6 फ्लोर, 8 फ्लोर और 13 फ्लोर का निर्माण कार्य होगा. अभी तक शहर में पांच फ्लोर तक ही बनाया गया है. प्रेस वार्ता में नगर आयुक्त और डिप्टी मेयर भी साथ थी.
भागलपुर : भारी वाहनों के लिए भैना पुल के डायवर्सन को दुरुस्त किया जायेगा. यह काम बरसात के बाद होगा. डायवर्सन दुरुस्त करने के लिए 50 लाख रु पये तक खर्च किया जायेगा. भैना नदी पर स्थित स्क्रू पाइल पुल कमजोर होने से डायवर्सन का निर्माण कराया गया था. निर्माण पर 59 लाख लागत आयी थी, मगर नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ तेज बहाव में डायवर्सन बह गया.
इसके बाद से भारी वाहनों के लिए कहलगांव का भागलपुर से संपर्क भंग हो गया है. उम्मीद थी कि भैना पुल का बैरियर खोला जायेगा. मगर, एनएच विभाग की ओर से बैरियर खोले जाने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है. एनएच, भागलपुर के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर प्रेमचंद राय ने बताया कि बरसात के बाद डायवर्सन को दुरुस्त किया जायेगा.
40 लाख हुए थे खर्च : लगभग आठ माह पहले भैना नदी पर स्थित स्क्रू पाइल की मजबूतीकरण पर एनएच विभाग ने 40 लाख रुपये तक खर्च किये थे. इसके बावजूद पुल कमजोर रह गया.
इस आठ माह में एक भी भारी वाहन पुल होकर नहीं गुजरा.
कंक्रीट पुल बनता, तो होती सहूलियत : भैना नदी पर स्थित स्क्रू पाइल के नजदीक अगर कंक्रीट पुल का निर्माण होता, तो आवागमन में सहूलियत होती. डायवर्सन निर्माण पर भी 59 लाख खर्च नहीं होताऔर आगे भी 50 लाख रुपये तक खर्च करने की नौबत नहीं आती. पुल मरम्मत पर भी 40 लाख रुपये तक खर्च नहीं होता.
महज एक पुल के नहीं बनने से यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए लाखों रुपये पानी की तरह बहाया जा रहा है. विभागीय लापरवाही के कारण भैना नदी पर कंक्रीट का पुल अर्धनिर्मित है. कंस्ट्रक्शन के दौरान एक पाया झुक जाने से निर्माण का कार्य वर्ष 2010 से बंद पड़ा है. कार्य की उपलब्धता के आधार पर विभाग ने ठेकेदार को 8.18 करोड़ का भुगतान किया.विभाग ने फिर से टेंडर निकाला है. पुल निर्माण पर 8.28 करोड़ की लागत आयेगी.
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