भागलपुर: शहर में लो वोल्टेज की समस्या का निदान मंगलवार देर रात तक भी नहीं हो सका. पहले बताया जा रहा था कि बांका रूट से शहर को बिजली मिल रही है, जिससे यह समस्या है. मगर मंगलवार दोपहर करीब ढाई बजे एनटीपीसी, कहलगांव रूट से शहर को बिजली मिल रही है. इसके बाद भी […]
भागलपुर: शहर में लो वोल्टेज की समस्या का निदान मंगलवार देर रात तक भी नहीं हो सका. पहले बताया जा रहा था कि बांका रूट से शहर को बिजली मिल रही है, जिससे यह समस्या है. मगर मंगलवार दोपहर करीब ढाई बजे एनटीपीसी, कहलगांव रूट से शहर को बिजली मिल रही है. इसके बाद भी लो वोल्टेज की समस्या बरकरार है.
लो वोल्टेज की समस्या की तरफ न तो फ्रेंचाइजी कंपनी ध्यान दे रही है न ही ट्रांसमिशन विभाग. फ्रेंचाइजी कंपनी के सीओओ मनोज यादव का कहना है कि किसी एक ट्रांसफॉर्मर या एक फीडर अथवा एक विद्युत उपकेंद्र से आपूर्ति होने वाली बिजली लो वोल्टेज हो सकती है, लेकिन अगर पूरे शहर में लो वोल्टेज की समस्या है तो इसका कारण ट्रांसमिशन विभाग हो सकता है.
ट्रांसमिशन विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर गोपाल सिंह परमार का कहना है कि बांका रूट की बिजली लो वोल्टेज होना मान सकते हैं, लेकिन कहलगांव रूट से मिलनेवाली बिजली लो वोल्टेज हो, ऐसा नहीं हो सकता है. इधर, ट्रांसमिशन विभाग और फ्रेंचाइजी कंपनी दोनों एक दूसरे पर जिम्मेवारी डाल रहे हैं. इसका खामियाजा शहर के 10 लाख से अधिक आबादी को भुगतना पड़ रहा है. लो वोल्टेज की वजह से लोगों को कई परेशानियां हो रही हैं.
40 घंटे खराब रही कहलगांव और सबौर के बीच हाइवोल्टेज लाइन : एनटीपीसी, कहलगांव से सबौर ग्रिड जाने वाली एक लाख 32 हजार वोल्ट की लाइन 40 घंटे तक खराब रही. वैकल्पिक रूट बांका से शहर को बिजली मिली. कहलगांव रूट की लाइन रविवार रात नौ बजे खराब हुई थी.
सीएस उपकेंद्र ब्रेक डाउन टीटीसी की भी बिजली ठप : सबौर ग्रिड से सीएस विद्युत उपकेंद्र को जाने वाली हाइवोल्टेज लाइन में मंगलवार रात करीब नौ बजे अचानक खराबी आ गयी, जिससे सीएस विद्युत उपकेंद्र ब्रेक डाउन हो गया. इस लाइन पर टीटीसी विद्युत उपकें द्र के स्थापित रहने से इसकी भी बिजली ठप हो गयी. सूचना मिलने के एक घंटे बाद फ्रेंचाइजी कंपनी के इंजीनियर और लाइन मैन ने पेट्रोलिंग शुरू की. फॉल्ट तो मिला, लेकिन 12.40 बजे मध्य क्षेत्र भीखनपुर से लेकर घंटा घर, घंटा घर से आदमपुर, मानिक सरकार चौक, खलीफाबाग, मशाकचक आदि क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बहाल हो सकी.