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डय़ूटी से गायब थे डॉक्टर वार्ड सदस्य की गयी जान
जगदीशपुर : स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक के नहीं रहने से रविवार को वार्ड सदस्य राजेंद्र रजक (50) की मौत हो गयी. इससे आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने अस्पताल चौक पर शव रख कर भागलपुर-दुमका मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. इस दौरान काफी हंगामा भी हुआ. डीएम डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव के आदेश […]
जगदीशपुर : स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक के नहीं रहने से रविवार को वार्ड सदस्य राजेंद्र रजक (50) की मौत हो गयी. इससे आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने अस्पताल चौक पर शव रख कर भागलपुर-दुमका मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. इस दौरान काफी हंगामा भी हुआ.
डीएम डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव के आदेश पर बीडीओ रितेश कुमार व इंस्पेक्टर गणोश प्रसाद ठाकुर मौके पर पहुंचे. वहां अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें बताया कि रोस्टर के अनुसार डॉ एके जायसवाल की डय़ूटी थी, पर वह नहीं थे.
नदी से निकालने के बाद भी चल रही थी सांस : रविवार सुबह करीब नौ बजे जगदीशपुर के वार्ड सदस्य राजेंद्र रजक (50) स्थानीय कोकरा नदी में नहाने के दौरान डूब गये. परिजनों व स्थानीय लोगों ने उन्हें पानी से निकाला. उस समय उनकी सांस चल रही थी. तत्काल उन्हें प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन वहां कोई भी डॉक्टर नहीं था. सबने चिकित्सक की खोज शुरू कर दी. काफी देर इंतजार के बाद भी कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा. इतनी देर में वार्ड सदस्य की मौत हो गयी.
पीएचसी में की तोड़फोड़, डॉक्टर को पीटने को दौड़े
इससे आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने अस्पताल चौक पर शव रख कर भागलपुर-दुमका मुख्य मार्ग जाम कर दिया. सूचना पाकर मौके पर पहुंची जगदीशपुर पुलिस ने लोगों को समझा कर जाम हटाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन अस्पताल प्रशासन व दोषी चिकित्सक पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे.
इस दौरान डॉ एके जायसवाल चोरी छिपे अस्पताल पहुंचे. लोगों को जब पता चला कि रविवार की सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक उन्हीं की ड्यूटी थी, तो लोग पीएचसी की तरफ दौड़ पड़े. लोग डॉक्टर की पिटाई करने पर उतारू थे. हंगामे के दौरान किसी ने पीएचसी की खिड़की का शीशा तोड़ दिया. बाद में कुछ स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने स्थिति नियंत्रित की. बाद में दोषी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई के आश्वासन पर जाम हटाया गया.
कार्रवाई के आश्वासन पर हटाया जाम
जाम की सूचना किसी ने डीएम को भी दे दी. इसके बाद डीएम के निर्देश पर बीडीओ रितेश कुमार व इंस्पेक्टर गणोश प्रसाद ठाकुर मौके पर पहुंचे और दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया. उन्होंने रोस्टर की जांच की तो पता चला कि जिस समय वार्ड सदस्य को अस्पताल लाया गया था, उस समय डॉ एके जायसवाल की ही ड्यूटी थी. इसके बाद पीएचसी प्रभारी डॉ अरुण कुमार ने भी इसकी लिखित जानकारी बीडीओ को दी.
उन्होंने मृतक के परिजनों को दोषी चिकित्सक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया. मौके पर हीं उन्होंने मृतक के परिजनों को सरकारी स्तर से आपदा कोष से मुआवजा देने, उसकी पत्नी को पेंशन देने व उसके पुत्रों को बीपीएल में होने पर इंदिरा आवास का लाभ देने का आश्वासन दिया.
मौके पर ही मुखिया घनश्याम मंडल ने मृतक के परिजनों को कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन हजार रुपये दिये. मृतक की पत्नी सोमा देवी ने पति की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थाना में आवेदन दिया. प्रभारी थानाध्यक्ष निलेश कुमार ने बताया कि मृतक की पत्नी के बयान पर यूडी केस दर्ज किया गया है तथा शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया है.
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