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संसाधन के अभाव में अटका है सड़क निर्माण का कार्य

भागलपुर: विकास कार्य के मामले में हमेशा से उपेक्षित रहने वाली दक्षिणी शहर की यह स्थिति है कि पहले बिजली-पानी का दंश ङोला और अब उत्तरी शहर आने के लिए रास्ता बंद है, जिससे स्कूल जाने में बच्चों को परेशानी हो रही है. अक्सर भीखनपुर गुमटी नंबर-12, लोहिया पुल और तातारपुर के रास्ते पर जाम […]

भागलपुर: विकास कार्य के मामले में हमेशा से उपेक्षित रहने वाली दक्षिणी शहर की यह स्थिति है कि पहले बिजली-पानी का दंश ङोला और अब उत्तरी शहर आने के लिए रास्ता बंद है, जिससे स्कूल जाने में बच्चों को परेशानी हो रही है. अक्सर भीखनपुर गुमटी नंबर-12, लोहिया पुल और तातारपुर के रास्ते पर जाम लगा रहता है.

यह स्थिति भोलानाथ पुल से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप होने से बनी है. भोलानाथ पुल के नीचे सड़क बनाने को लेकर न तो पथ निर्माण विभाग के अभियंता गंभीर है और न ही कांट्रैक्टर. काम शुरू होने से 12 दिन बीत चुका है. अब तक पुरानी सड़क को तोड़ कर खुदाई का काम भी पूरा नहीं हो सका है. दरअसल, संसाधन के अभाव में सड़क निर्माण का कार्य फंसा है. कांट्रैक्टर की ओर से न तो पर्याप्त मजदूर लगाया गया है और न ही खुदाई के लिए अत्याधुनिक कम ऊंचाई वाली मशीन लगायी गयी है.

नतीजा, पुरानी सड़क को तोड़ने के बाद 10 फीट लंबाई तक मिट्टी खोदी नहीं जा सकी है. अगर यही हाल रहा, तो एक माह में भी सड़क नहीं बन सकेगी और श्रवणी मेला शुरू हो जायेगा. पुरानी सड़क को तोड़ कर नयी सड़क बनाने का काम ओवीआरएमसी मेंटेनेंस पॉलिसी के तहत हो रही है. काम की जिम्मेदारी मुंगेर के कांट्रैक्टर को सौंपा गया है. 12 दिन पहले काम शुरू किया. इस दौरान उनकी ओर से पुरानी सड़क ऊखाड़ कर सप्ताह भर छोड़ दिया गया. इसके बाद बरसात के कारण काम बंद रहा और अब मौसम साफ हुआ है, तो संसाधन के अभाव में कार्य संभव नहीं हो पा रहा है. कुल मिला कर स्थिति यह है कि कार्य की प्रगति धीमी है.

क्या कहते हैं लोग

इशाकचक के रमेश कुमार ने बताया कि बरसात में काम कराना नहीं चाहिए था. विभाग का काम कराने का यह निर्णय गलत है. पुल के नीचे से आवागमन बंद हो जाने से बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कतें हो रही है. पुल के नीचे से शव को पार करना भी मुश्किल सा हो गया है. कमल प्रसाद ने बताया कि विभाग अगर चाह ले, तो दिन-रात इसमें काम लगा सकता है, जिससे दो दिन में सड़क बन जायेगी. मगर, विभाग बेफिक्र है. अभियंता और कांट्रैक्टर की लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

भाजपाइयों के धरना के बाद इंजीनियर व मजदूर निकल गये

धरना कार्यक्रम के लिए जैसे ही भाजपाई भोलानाथ पुल के नजदीक पहुंचे, वैसे ही इंजीनियर व मजदूर और कांट्रैक्टर के लोग सहम गये. आनन-फानन में सभी मौके पर से कामकाज छोड़ कर निकल गये. इस कारण मंगलवार को निर्माण का कार्य ठप रहा.

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