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फर्जी हुई डिग्री, तो रद्द करेगा विवि
भागलपुर: दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की डिग्री दिल्ली हाइकोर्ट में फर्जी साबित होती है, तो डिग्री रद्द करने की कार्रवाई टीएमबीयू में हो सकती हैं. विवि प्रशासन अंदर ही अंदर इसकी तैयारी कर रहा है ताकि डिग्री रद्द करने का न्यायालय से आदेश मिले, तो इसके अनुपालन में विलंब नहीं हो. […]
भागलपुर: दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की डिग्री दिल्ली हाइकोर्ट में फर्जी साबित होती है, तो डिग्री रद्द करने की कार्रवाई टीएमबीयू में हो सकती हैं. विवि प्रशासन अंदर ही अंदर इसकी तैयारी कर रहा है ताकि डिग्री रद्द करने का न्यायालय से आदेश मिले, तो इसके अनुपालन में विलंब नहीं हो. अगर डिग्री रद्द करने का आदेश मिल जाता है, तो विवि में यह चार चरण से गुजरने के बाद कुलाधिपति के पास प्रस्ताव भेजा जायेगा. इसके बाद रद्द करने का निर्णय कुलाधिपति लेंगे. दिल्ली हाइकोर्ट में तोमर की डिग्री फर्जी साबित होने पर विवि इसे रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है.
डिग्री रद्द करने की यह है प्रक्रिया : जानकार बताते हैं कि अगर कोई छात्र -छात्रा अवैध तरीके से डिग्री हासिल करता है और डिग्री फर्जी साबित हो जाती है, तो उसे संबंधित संस्थान रद्द करने की प्रक्रिया अपनाता है. इसके लिए मुख्य रूप से डिग्री रद्द करने का प्रस्ताव सबसे पहले विवि के परीक्षा बोर्ड में रखा जाता है. परीक्षा बोर्ड द्वारा प्रस्ताव पारित करने के बाद इससे एकेडमिक काउंसिल में पेश किया जाता है. काउंसिल इससे जब पास कर देता है, तो प्रस्ताव सिंडिकेट की बैठक में प्रस्तुत करना पड़ता है. सिंडिकेट द्वारा प्रस्ताव पारित करने के बाद सीनेट से पास कराना जरूरी होता है. इसके बाद इसे कुलाधिपति के पास भेज दिया जाता है. कुलाधिपति द्वारा डिग्री रद्द करने की अनुमति प्रदान के बाद प्रक्रिया पूरी हो जाती है.
नौ जुलाई को दिल्ली जायेंगे रजिस्ट्रार
टीएमबीयू के रजिस्ट्रार प्रो गुलाम मुस्तफा नौ जुलाई को दिल्ली जायेंगे. उन्हें दिल्ली पुलिस ने हौजखास थाना में उपस्थित होने को कहा है. संभावना है कि रजिस्ट्रार को दिल्ली हाइकोर्ट में भी उपस्थित होना पड़ सकता है. दिल्ली पुलिस टीएमबीयू से जितने कागजात लेकर दिल्ली गयी है, रजिस्ट्रार को उन कागजात को देख कर कोर्ट में यह बताना जरूरी होगा कि सभी कागजात सही हैं अथवा नहीं. वैसे प्रो मुस्तफा का हस्ताक्षर संजय कुमार चौधरी के प्रोविजिनल प्रमाण पत्र, सीरियल नंबर 3687 पर है. इस पर उन्हें कोर्ट में बताना पड़ सकता है कि उन्होंने हस्ताक्षर किया है या नहीं. उल्लेखनीय है कि तोमर के प्रोविजिनल प्रमाण पत्र का नंबर भी 3687 ही है.
अगर न्यायालय से आदेश मिल जायेगा, तो तोमर की डिग्री रद्द करने की प्रक्रिया विवि में पूरी करने के बाद कुलाधिपति को प्रस्ताव भेजा जायेगा. इसके लिए जो भी विधि सम्मत जो कार्रवाई होगी, उसे किया जायेगा.
प्रो रमा शंकर दुबे कुलपति, टीएमबीयू, भागलपुर
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