अमौर के छतरभोग गांव की घटनाखुशी का आलम गम में हुआ तब्दीलअचानक तबीयत खराब हुई और चली गयी हारून की जानप्रतिनिधि, अमौरअमौर के छतरभोग गांव से पहले दो बेटों की बरात निकली, फिर उसके बाद पिता का जनाजा निकला. ऐसे में जहां कुछ देर पहले तक खुशी का आलम था वहां खुशी गम में तब्दील हो गयी और पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया. इस घटना के बाद जहां परिजनों में कोहराम मचा हुआ है वहीं कुदरत के इस अजीबो-गरीब मरजी पर लोग तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं. आनन-फानन में अदा की गयी निकाह की रस्मछतरभोग गांव निवासी हारून रसीद के दो पुत्रों मो तबारक व मो तहसीन की बरात बुधवार को करीब 11 बजे दिन में जमरा व सिसौना के लिए निकली. बरात जाने के करीब आधा घंटा बाद हारून की अचानक तबीयत खराब हो गयी और उनकी तत्काल मौत हो गयी. पुत्रों को पिता की मृत्यु की खबर मिली तो आनन-फानन में निकाह की रस्म पूरी की गयी. उसके बाद दोनों बेटे अपनी नयी-नवेली दुल्हन के साथ वापस अपने गांव पहुंचे. देर शाम तक मृतक का सुपुर्द-ए-खाक करने की तैयारी की जा रही थी.धरी रह गयी स्वागत की तैयारी मरहूम हारून ने खुशी-खुशी दोनों बेटे को बरात के साथ रवाना किया था. उन्होंने खुद मेहमानों की आव-भगत के लिए घर पर ही ठहरना मुनासिब समझा था. बताया जाता है कि बरात की रवानगी के बाद हारून अपने पुत्र और बहू के शानदार स्वागत की तैयारी में जुटे थे. लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था. सारी तैयारी धरी रह गयी और स्वागत की तैयारी जनाजे की तैयारी में तब्दील हो गयी.
दो बेटों की निकली बरात, पिता का जनाजा
अमौर के छतरभोग गांव की घटनाखुशी का आलम गम में हुआ तब्दीलअचानक तबीयत खराब हुई और चली गयी हारून की जानप्रतिनिधि, अमौरअमौर के छतरभोग गांव से पहले दो बेटों की बरात निकली, फिर उसके बाद पिता का जनाजा निकला. ऐसे में जहां कुछ देर पहले तक खुशी का आलम था वहां खुशी गम में तब्दील […]
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