जब सोमवार को मधुसूदनपुर थाना में पति से मिलने गये, तो वहां पुलिस वालों ने कोई जानकारी नहीं दी. इसके बाद मोजाहिदपुर, बबरगंज, नाथनगर, ललमटिया, हबीबपुर, कोतवाली आदि थाना घूम-घूम कर पति के बारे में पता किया, लेकिन कहीं से कोई जानकारी नहीं मिली. अचानक मंगलवार की सुबह हबीबपुर थाना से पति रतन यादव ने फोन कर कहा कि उसकी हालत बिगड़ गयी है. कभी भी मौत हो सकती है. यह सुनते ही परिवार के सारे लोग हबीबपुर थाना पहुंचे तो वहां पति को गंभीर हालत में पाया.वे कुछ बोल तक नहीं पा रहे थे. पुलिस वाले पति को सूई लगा रहे थे. सूई लगाने के बाद पति बेहोशी की हालत में पहुंच गये. आनन-फानन में हबीबपुर व मधुसुदनपुर थाना पुलिस ने उनको जेएलएनएमसीएच में भरती कराया. वहां करीब 15 मिनट के बाद ही पति की मौत हो गयी.
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पुलिस हिरासत में मौत: परिजनों ने पुलिस पर लगाया आरोप, कहा हालत बिगड़ी, तो थाना से किया फोन
भागलपुर: ग्रामीण बैंक भागलपुर की घंटाघर स्थित शाखा में 26 मई को हुई 49 लाख की डकैती के मामले के आरोपित रतन यादव की मौत को लेकर परिजनों ने पुलिस आरोप लगाया है. रतन यादव की पत्नी इंदू देवी ने बताया कि उसके पति को पुलिस ने रविवार देर रात में घर से उठाया था. […]
भागलपुर: ग्रामीण बैंक भागलपुर की घंटाघर स्थित शाखा में 26 मई को हुई 49 लाख की डकैती के मामले के आरोपित रतन यादव की मौत को लेकर परिजनों ने पुलिस आरोप लगाया है. रतन यादव की पत्नी इंदू देवी ने बताया कि उसके पति को पुलिस ने रविवार देर रात में घर से उठाया था.
परिजनों ने किया हंगामा. अस्पताल में रतन यादव की मौत की खबर मिलते ही परिजन आक्रोशित हो गये और हंगामा करने लगे. मामला बिगड़ता देख विधि व्यवस्था इंस्पेक्टर, सदर इंस्पेक्टर, जीरोमाइल, इशाकचक, बबरगंज, मोजाहिदपुर, कोतवाली, आदमपुर, बरारी थाना की पुलिस अस्पताल पहुंच गयी. इस बीच एएसपी सिटी वीणा कुमारी अस्पताल पहुंची और विधि व्यवस्था की जानकारी ली. उन्होंने पीड़ित परिजनों को भरोसा दिलाया कि मामले की जांच होगी. सारे मामले को लेकर वरीय पुलिस अधिकारी परिस्थिति की जानकारी एएसपी व इंस्पेक्टर से ले रहे थे.
कई मामलों में था आरोपित. रतन यादव बैंक डकैती, लूटपाट, आर्म्स एक्ट, मोटरसाइकिल चोरी, जानलेवा हमला करने सहित नौ मामलों में आरोपित था. कई मामले में वह सजा काट चुका था. होली से पहले ही वह जेल से बाहर आया था.
पुलिस पर उठ रहे सवाल, क्यों रखा दो दिन हिरासत में. पुलिस हिरासत की दौरान रतन यादव की हुई मौत से पुलिस के क्रियाकलाप पर सवाल उठने लगे हैं. भतीजा बुलबुल व परिवार के अन्य लोगों ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस हिरासत में लेने के 24 घंटे बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाता है. लेकिन हबीबपुर थाना की पुलिस ने दो दिनों तक पुलिस हिरासत में रतन यादव को रखा. परिवार वालों को कोई जानकारी भी नहीं दी. रविवार रात घर से उठाया ,तो उसे सोमवार को क्यों नहीं जेल भेजा. परिजनों का कहना था कि ऐसे में पुलिस ने ही उनके चाचा को मार डाला है.
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