संवाददाताभागलपुर : शहर में बिना फिटनेस जांच कराये ही हजारों वाहन सड़क पर दौड़ रहे हैं. लेकिन इसे रोकने के लिए ना तो प्रशासन सख्ती बरत रही है ना ही परिवहन विभाग की ओर लगातार अभियान चलाया गया. परिवहन विभाग का जब मन हुआ अभियान चलाया,जब मन हुआ बंद कर दिया. शहर में जुगाड़ गाडि़यों द्वारा सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाया जा रहा है. लेकिन उसका कोई लाइसेंस या परमिट नहीं बनता है. मोटरयान निरीक्षक गौतम कुमार ने कहा कि जिला परिवहन पदाधिकारी का निर्देश मिलते ही अभियान की शुरुआत करेंगेशहर में दो प्रदूषण फिटनेस सेंटर शहर में गाडि़यों के प्रदूषण जांच के लिए दो प्रदूषण जांच घर बनाये गये हैं. लेकिन उसमें जांच कराने बहुत कम वाहन आते हैं. एक जांच घर सबौर के बाबूपुर मोड़ और दूसरा बाल्टी कारखाना के पास है. जांच कराने की स्थिति यह है कि एक प्रदूषण फिटनेस सेंटर पर एक माह में दो या तीन वाहन जांच के लिए पहुंचते हैं. भागलपुर वाहन प्रदूषण जांच केंद्र के संचालक हीरा लाल ने बताया कि जब अभियान चलता है तो भीड़ अधिक रहती है. जब जांच बंद हो जाता है तो महीने में दो से तीन वाहन ही प्रदूषण जांच के लिए आते हैं. मोटरसाइकिल प्रदूषण जांच के लिए शुल्क 30 रुपया, चार पहिया वाहन के लिए 50 रु और ट्रक व हाइवा के लिए 75 रुपयेशुल्क है. इसकी वैधता छह माह तक होती है.
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शहर में बेरोक टोक चल रही है धुआं फेंकनेवाली गाडि़यां
संवाददाताभागलपुर : शहर में बिना फिटनेस जांच कराये ही हजारों वाहन सड़क पर दौड़ रहे हैं. लेकिन इसे रोकने के लिए ना तो प्रशासन सख्ती बरत रही है ना ही परिवहन विभाग की ओर लगातार अभियान चलाया गया. परिवहन विभाग का जब मन हुआ अभियान चलाया,जब मन हुआ बंद कर दिया. शहर में जुगाड़ गाडि़यों […]
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