डीपीओ ज्योति कुमार ने नियोजन इकाई को हर हाल में चार जून तक सभी नियोजित शिक्षकों के उक्त सारे कागजात उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. यह निर्देश तभी दिया गया, जब अधिकतर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों ने कहा कि खासकर पंचायत नियोजन इकाई उनकी बात नहीं सुन रहे.
बार-बार कहने के बाद भी प्रमाणपत्र जमा नहीं कर रहे. इस पर निर्णय लिया गया कि निर्धारित अवधि में प्रमाणपत्र नहीं देना हाइकोर्ट के आदेश की अवमानना मानी जायेगी और विजिलेंस जांच में संबंधित नियोजन इकाई को बाधक माना जायेगा. ज्ञात हो कि हाइकोर्ट ने सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच का विजिलेंस को आदेश दिया है. इसके लिए बार-बार विजिलेंस के पदाधिकारी का शिक्षा विभाग पर दबाव बनाया जा रहा है ताकि निर्धारित समय के भीतर जांच पूरी की जा सके. बैठक में कार्यक्रम पदाधिकारी जेपी विश्वास भी मौजूद थे.