भागलपुर: बाइपास को दिल्ली की एक नामचीन कंपनी बनायेगी. सोमवार को प्रथम चरण (रिक्वेस्ट फॉर क्वानटिटी) का सिंगल टेंडर हुआ और इस पर एनएच विभाग के उच्चाधिकारी ने बताया कि सिंगल टेंडर को ही मंजूरी दिलायी जायेगी, ताकि आगे फिर से टेंडर कराने की जरूरत नहीं पड़े. क्योंकि कई बार सिंगल टेंडर के कारण ही टेंडर रद्द करना पड़ा है. मालूम हो कि बाइपास निर्माण की योजना 200.78 करोड़ की है.
बाइपास का निर्माण कार्य के लिए दो साल का समय निर्धारित किया गया है. इसकी लंबाई 16.73 किमी है, जो जीरोमाइल, भागलपुर से चंपापुल के आगे दोगछी के पास निकलेगा. बाइपास और शहर के बीच का इलाका जो अभी गांव है, वह पूरी तरह शहर में बदल जायेगा. शहर के अंदरूनी सड़कों पर ट्रैफिक का बोझ भी कम हो जायेगा और अक्सर होने वाली दुर्घटनाएं भी कम हो जायेगी.
सिंगल टेंडर का प्रस्ताव जल्द ही केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय भेजा जायेगा और कोशिश की जायेगी कि इस प्रस्ताव पर मंत्री की सहमति बन जाये. बाइपास निर्माण की योजना के लिए एनएच विभाग को ठेकेदार नहीं मिलने से तीन बार टेंडर रद्द हो चुका है. लगातार दो बार से सिंगल टेंडर के कारण रद्द करना पड़ा. बाइपास निर्माण का मामला पिछले 14 साल से अटका है. पिछले साल आवंतिका और जीआर कंपनी दोनों के कोर्ट चले जाने से टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी. डिसीजन आने पर फिर से टेंडर कराना पड़ा. इसके बाद भी अबतक टेंडर के पेंस में भी बाइपास निर्माण का मामला अटका रह गया था.
बाइपास निर्माण की योजना का सिंगल टेंडर हुआ है. दिल्ली की एक कंपनी ने इकलौता टेंडर डाला है. सिंगल टेंडर को ही मंजूरी दिलायी जायेगी, ताकि दोबारा टेंडर न करना पड़े. पिछली बार जैसी नौबत नहीं आने दी जायेगी.
केदार बैठा, चीफ इंजीनियर, राष्ट्रीय उच्च पथ, पटना