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ऑनलाइन मार्केटिंग से चमकेगा सिल्क कारोबार

भागलपुर : भागलपुर का सिल्क कारोबार ऑनलाइन मार्केटिंग के जरिये चमकाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. एक वेबसाइट के माध्यम से सिल्क कपड़ों का कारोबार शुरू हो चुका है, जबकि दूसरी वेबसाइट के माध्यम से कारोबार शुरू करने की तैयारी चल रही है. ऑनलाइन मार्केटिंग के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुकी फ्लिपकार्ट, मिंत्र, […]

भागलपुर : भागलपुर का सिल्क कारोबार ऑनलाइन मार्केटिंग के जरिये चमकाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. एक वेबसाइट के माध्यम से सिल्क कपड़ों का कारोबार शुरू हो चुका है, जबकि दूसरी वेबसाइट के माध्यम से कारोबार शुरू करने की तैयारी चल रही है.
ऑनलाइन मार्केटिंग के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुकी फ्लिपकार्ट, मिंत्र, जबोंग व स्नैपडील जैसी वेबसाइट पर भागलपुर के कुछ व्यवसायी सिल्क के कपड़े उपलब्ध भी करा रहे हैं. लेकिन विशेषज्ञ का कहना है कि अभी भागलपुर ने ऑनलाइन व्यवसाय को सही तरीके से नहीं अपनाया है. वे मानते हैं कि इसके शुरुआत संकेत सुखद हैं, पर तरीका बदले तो सिल्क का 150 करोड़ का कारोबार 300 करोड़ पर पहुंच सकता है.
भागलपुर में सिल्क के बड़े कारोबारियों की संख्या लगभग 100 हैं और मध्यम वर्ग के कारोबारी तकरीबन 2000 हैं. भागलपुर सिल्क डॉट इन पर सिल्क कपड़ों का कारोबार जारी है. सीजन द क्रियेशन डॉट इन के माध्यम से ऑनलाइन सिल्क का व्यवसाय शुरू करने की तैयारी चल रही है. ऑनलाइन व्यवसाय के लिए वेबसाइट की संख्या बढ़ती चली गयी, तो भागलपुर सिल्क के कपड़ों के कारोबार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने में देर नहीं लगेगी.
इन उत्पादों को भी दिला सकते हैं मुकाम. भागलपुर के कतरनी चावल, चूड़ा और जर्दालू आम की पूछ देश के विभिन्न इलाकों में है.
लेकिन इस कारोबार को सही प्लेटफॉर्म नहीं मिल पा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि इन उत्पादों का भी ऑनलाइन कारोबार शुरू हो जायेगा. इससे किसान भी सीधे जुड़ सकते हैं. फिर व्यवसायी व किसान अपने उत्पादों को सीधे देश व विदेश को पहुंचा सकते हैं. माना जा रहा है कि सरकार किसानों को ऑनलाइन मार्केटिंग करने के लिए जोड़े और इसके लिए एक मंच दे, तो बड़ी क्रांति आ सकती है.
भागलपुर के सिल्क उत्पाद का ऑनलाइन व्यवसाय शुरू हो चुका है. लेकिन अभी इसमें तेजी आना बाकी है. सभी व्यवसायियों को ऑनलाइन व्यवसाय की तरफ आगे आना चाहिए. इससे सिल्क के कारोबार में दोगुनी वृद्धि हो जायेगी. कृषि के क्षेत्र में क्रांति के लिए कतरनी चावल, चूड़ा व आम को भी ऑनलाइन व्यवसाय से जोड़ना आवश्यक है.
डॉ अमित कुमार, निदेशक, ए कुमार इंस्टीट्यूट

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