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गश्ती में कब तक मरेंगे पुलिसवाले

भागलपुर: गश्ती के दौरान लगातार पुलिसकर्मियों की दुर्घटना में मौत हो रही है. पिछले कुछ सालों में गश्ती के दौरान आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी दुर्घटना के शिकार हुए हैं. मरने वालों में सिपाही से लेकर अफसर तक शामिल हैं. ज्यादातर मौतें एनएच, एसएच पर नाइट पेट्रोलिंग में हो रही है. पुलिसवाले सड़क पर रात […]

भागलपुर: गश्ती के दौरान लगातार पुलिसकर्मियों की दुर्घटना में मौत हो रही है. पिछले कुछ सालों में गश्ती के दौरान आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी दुर्घटना के शिकार हुए हैं. मरने वालों में सिपाही से लेकर अफसर तक शामिल हैं. ज्यादातर मौतें एनएच, एसएच पर नाइट पेट्रोलिंग में हो रही है. पुलिसवाले सड़क पर रात में गश्ती करते हैं और ट्रक, ट्रैक्टर जैसे भारी वाहन उन्हें कुचल कर फरार हो जाते हैं. अभी हाल में कजरैली थाने की जीप को ट्रक ने ठोकर मार दी थी.

इसमें जीप बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी थी. जीप पर सवार दारोगा व अन्य पुलिसकर्मी जख्मी हो गये थे. रजाैन के कोतवाली-गोराडीह पथ पर चेक पोस्ट पर तैनात एक सिपाही को ट्रक ने कुचल दिया था. गश्ती के दौरान लगातार हो रही घटनाओं से पुलिसकर्मियों में भय का माहौल बना हुआ है. सवाल उठने लगा है कि जब पुलिस ही असुरक्षित है तो फिर जनता की रक्षा कौन करेगा. इन्हीं दुर्घटनाओं के कारण ज्यादातार थानों में रात्रि गश्ती के नाम पर खानापूर्ति होती है. पुलिसकर्मी जोखिम उठाना नहीं चाहते हैं.

इसलिए बंद कर दिया गंगा ब्रिज थाना. गंगा ब्रिज थाना को बंद करने के पीछे पुलिस जवानों की लगातार हो रही मौत भी एक कारण बना था. विक्रमशिला पुल बनने के बाद गंगा ब्रिज थाना बनाया गया. लेकिन एक साल के दौरान ही चेकिंग, गश्ती के दौरान पांच पुलिस जवानों को ट्रक ने कुचल कर मार डाला. लगातार पुलिसकर्मियों को ही रही मौत के कारण गंगा ब्रिज थाने को अंतत: बंद करना पड़ा था.

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