– तैयारी पूरी, वट सावित्री व्रत आजफोटो नंबर :संवाददाता,भागलपुरवट-सावित्री व्रत को लेकर शनिवार को बाजार में डलिया, पंखा, श्रृंगार के सामान, मौसमी फल की खूब बिक्री हुई. बाजार में 40 रुपये जोड़ा डलिया व पंखा बिके. लीची 70 से 90 रुपये सैकड़ा बिका. ज्योतिषाचार्य डॉ सदानंद झा बताते हैं कि काशी पंचांग के अनुसार रविवार को अमावस्या का प्रवेश दिन में 10:54 बजे व मिथिला पंचांग के अनुसार अमावस्या का प्रवेश दिन के 11:01 बजे होगा. 17 मई को 18 घड़ी में ही चतुर्दशी समाप्त हो जाता है, इसलिए 17 मई रविवार को ही वट सावित्री का व्रत होगा. वट वृक्ष की परिक्रमा करते समय 108 बार सौभाग्यवती महिलाओं को सूत लपेटना चाहिए. वट वृक्ष देव वृक्ष है. उनके मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु व अग्र भाग में महादेव निवास करते हैं. देवी सावित्री भी वट वृक्ष में प्रतिष्ठित रहती हैं, इसलिए महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य व कल्याण के लिए वट वृक्ष में कच्चा सूत लपेट कर 108 बार परिक्रमा कर व्रत करती हैं. महिलाएं सौभाग्य पेटारी व पूजन सामग्री जैसे सिंदूर, दर्पण, मौली, काजल, मेहंदी, चूड़ी, साड़ी, हिंगूल, स्वर्ण-आभूषण आदि वस्तुएं एक बांस की टोकरी में रख वट वृक्ष के नीचे कच्चा सूत लपेट कर पूजन करती हैं.
खूब बिके पंखा, डलियाा व श्रृंगार पेटारी
– तैयारी पूरी, वट सावित्री व्रत आजफोटो नंबर :संवाददाता,भागलपुरवट-सावित्री व्रत को लेकर शनिवार को बाजार में डलिया, पंखा, श्रृंगार के सामान, मौसमी फल की खूब बिक्री हुई. बाजार में 40 रुपये जोड़ा डलिया व पंखा बिके. लीची 70 से 90 रुपये सैकड़ा बिका. ज्योतिषाचार्य डॉ सदानंद झा बताते हैं कि काशी पंचांग के अनुसार रविवार […]
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