भागलपुर. नियोजित शिक्षकों की हड़ताल के दौरान मंगलवार को मारवाड़ी पाठशाला में हुई घटना को सोची-समझी साजिश बताया जा रहा है. कई ऐसे सवाल हैं, जो इस ओर इशारा कर रहे हैं. विद्यालय प्राचार्य राधेश्याम राय आठ मई तक छुट्टी पर गये हैं. ऐसे में कालिख पोतने वाले अज्ञात शिक्षक को किसने बताया कि प्राचार्य के प्रभार में कौन हैं? सुनील कुमार सिंह का कहना है कि स्कूल के ही शिक्षक राजीव रंजन को उनके प्रभार में होने की जानकारी थी.
दूसरी ओर नियमित वरीय महिला शिक्षकों के वाकया बताते-बताते आंखों में आंसू देख मौजूद अन्य शिक्षकों ने भी र्दुव्यवहार व गाली-गलौज की पुष्टि की है. एक अन्य शिक्षक ने बताया कि जिनकी नौकरी को 90 दिन नहीं हुए और जिनकी सेवानिवृत्ति को एक साल या उससे कम शेष रह गये हैं, उनके लिए हड़ताल में शामिल होना मुश्किल में डाल सकता है.
मंगलवार को मारवाड़ी पाठशाला में तीन दृश्यों ने वस्तुस्थिति स्पष्ट कर दी थी. सुबह करीब 10:05 बजे दोनों पक्षों के बीच गाली गलौज व र्दुव्यवहार में तब्दील हुई बाता-बाती. उसके बाद शिक्षक संघ का वापस जाना और करीब 10:14 बजे कालिख लेकर स्कूल में प्रवेश, प्रभारी प्राचार्य के चेहरे पर कालिख पोतना व मेन गेट और ऑफिस में ताला जड़ देना. प्रशिक्षु प्रभाकर, श्वेता, हिमांशु, दीपशिखा, स्वाति, प्रीति, सोनम प्रिया आदि सभी का कहना था कि यह कैसे शिक्षक?
अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ व जिला प्राथमिक संघ ने भी की निंदा. ॅहड़ताली नियोजित शिक्षकों द्वारा स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के साथ र्दुव्यवहार की अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ ने निंदा की है. संगठन सदस्यों ने घटना पर खेद जताया है. मंगलवार को कोर्ट परिसर में संघ की बैठक हुई, जिसमें समस्तीपुर में नौ व 10 मई को होने वाली राज्यस्तरीय कार्यकारिणी समिति के बैठक के विषय में चर्चा की गयी. भागलपुर से अशर्फी सिंह, मृत्युंजय कुमार, ओज कुमार सिंह व राजीव कुमार सिंह को इसके लिए अधिकृत किया गया है. बैठक में नियोजित शिक्षकों की हड़ताल में समर्थन, प्रोन्नति, अंतर जिला स्थानांतरण आदि बिंदुओं पर विचार किया जायेगा.
दूसरी ओर जिला प्राथमिक शिक्षक संघ ने नियोजित शिक्षकों के भड़कीले बयान पर खेद प्रकट किया है. संगठन सदस्यों का का कहना है कि उनका संगठन हमेशा शिक्षक हित व अस्मिता की सुरक्षा के लिए लड़ता रहा है. मंगलवार को हड़ताल के दूसरे दिन संगठन ने जिले के विभिन्न प्रखंडों में जारी हड़ताल की समीक्षा की.