-शुक्रवार को उत्पादन हुआ शून्य -50 से अधिक छोटे-बड़े उद्योग हैं औद्योगिक प्रक्षेत्र में संवाददाता,भागलपुर पिछले दो दिनों के बिजली संकट ने उद्योग-धंधों पर प्रतिकूल असर डाला है. बिजली संकट के कारण उत्पादन को प्रभावित हो ही रहा है, उत्पादन लागत भी बढ़ गयी है. औद्योगिक प्रक्षेत्र बरारी में आटा मिल संचालक रूपेश वैद्य ने बताया कि बिजली नहीं मिलने के कारण शुक्रवार को तो उत्पादन शून्य रहा. उसके बाद भी भरपूर बिजली नहीं मिलने के कारण जेनेरेटर चलाने में रोजाना 25 हजार रुपये का अतिरिक्त खर्च हो रहा है. दूसरे व्यवसायी गणेश केडिया ने ने बताया बिजली नहीं रहने के कारण डीजल पर अतिरिक्त खर्च बढ़ रहा है. डीजल पर रोजाना अतिरिक्त खर्च छह हजार रुपये हो रहा है. बता दें कि औद्योगिक प्रक्षेत्र में 50 से अधिक छोटे-बड़े उद्योग हैं. बिजली संकट के कारण सबका उत्पादन प्रभावित हो रहा है. डेयरी कारोबार पर भी असर सुधा डेयरी से जुड़े लोगों का कहना है कि डेयरी को रोजाना पांच घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है, जबकि सामान्य दिनों में 18 से 22 घंटे बिजली मिलती थी. यदि ऐसी स्थिति रही तो महीने में जेनरेटर में डीजल की खपत होने से लाखों का नुकसान होगा. मिल्क पार्लर के संचालक मिथिलेश का कहना है कि बिजली संकट के कारण दूध को फ्रीज में स्टोर नहीं कर पाते हैं. इस कारण कम मात्रा में दूध लेकर जल्दी बेच लेते हैं.
उद्योग-धंधों पर भी लगा बिजली संकट का करंट
-शुक्रवार को उत्पादन हुआ शून्य -50 से अधिक छोटे-बड़े उद्योग हैं औद्योगिक प्रक्षेत्र में संवाददाता,भागलपुर पिछले दो दिनों के बिजली संकट ने उद्योग-धंधों पर प्रतिकूल असर डाला है. बिजली संकट के कारण उत्पादन को प्रभावित हो ही रहा है, उत्पादन लागत भी बढ़ गयी है. औद्योगिक प्रक्षेत्र बरारी में आटा मिल संचालक रूपेश वैद्य ने […]
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