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नया मेस है, तो टूटे में क्यों बनता खाना

भागलपुर: राज्य के पुलिस महानिदेशक (ट्रेनिंग) पारसनाथ राय ने गुरुवार को सीटीएस नाथनगर का निरीक्षण किया. इस दौरान डीजी ने पुलिस बैरक, शौचालय, उत्पाद गोदाम, महिला बैरक, मेस समेत पूरा परिसर का निरीक्षण किया. निरीक्षण दौरान डीजी ने दो प्राअनि पर कार्रवाई की. एक का भत्ता बंद करने का निर्देश दिया, जबकि दूसरे के स्थानांतरण […]

भागलपुर: राज्य के पुलिस महानिदेशक (ट्रेनिंग) पारसनाथ राय ने गुरुवार को सीटीएस नाथनगर का निरीक्षण किया. इस दौरान डीजी ने पुलिस बैरक, शौचालय, उत्पाद गोदाम, महिला बैरक, मेस समेत पूरा परिसर का निरीक्षण किया. निरीक्षण दौरान डीजी ने दो प्राअनि पर कार्रवाई की. एक का भत्ता बंद करने का निर्देश दिया, जबकि दूसरे के स्थानांतरण का निर्देश दिया. डीजी के कड़े रुख से पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया.

डीजी के पूछे गये सवाल का संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने प्राचार्य से लेकर पुअनि, प्राअनि स्तर के कई अफसरों को फटकार लगायी. डीजी ने पूछा कि जब नया मेस बन कर तैयार है, तो पुराने और जजर्र मेस में पुलिसकर्मियों का खाना क्यों बन रहा है. सीटीएस में लंबित पड़े निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने का निर्देश डीजी ने विभाग ने इंजीनियर को दिया. निरीक्षण के दौरान डीजी ने 16 नंबर बैरक का निरीक्षण किया. बैरक की सुरक्षा में तीन पुलिसकर्मियों को देख डीजी आग बबूला हो गया. उन्होंने पूछा कि एक बैरक की सुरक्षा में तीन पुलिसकर्मी. क्या यहां चोरी होती है? जब तक तीनों पुलिसकर्मी संभल कर जवाब दे पाते, तब तक डीजी ने दूसरा सवाल पूछ डाला. क्या सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी क्लास नहीं करते हैं? इस दौरान डीजी ने दो बैरक प्रभारी एसपी पासवान और बदरी पासवान को बुलवाया.

उनलोगों से पूछा कि आपलोग कभी अपने बैरक का निरीक्षण कर रिपोर्ट देते हैं. इस पर एक ने कहा कि बैरक में कोई समस्या नहीं है. यह सुन डीजी ने तुरंत दूसरे अफसर को उक्त बैरक भेजा और वहां की खामी पता लगाने का निर्देश दिया. अफसर ने बैरक का निरीक्षण कर कहा कि वहां बिजली नहीं जल रही है. बैरक 16 के शौचालय की सफाई को लेकर सरकारी स्वीपर नहीं आते हैं. यह जान डीजी भड़क उठे और बैरक प्रभारी को उन्होंने फटकार लगायी.

डीजी ने कहा कि हर बैरक प्रभारी की जिम्मेदारी तय कर दी गयी है. पिछली बार सीटीएस आये थे तो उसी समय बैरक प्रभारियों की जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया था. डीजी ने कहा कि सीटीएस में रह रहे पुलिसकर्मियों का रहन-सहन अच्छा हो, यह हमारी प्राथमिकता है.

प्रशिक्षण की दिशा बदली जाये
डीजी ने कहा कि पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण की दिशा को बदलने की जरूरत है. थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी हो. क्लास में भी इंटरेक्शन हो. एक घटना को मान कर उसका कैसे एफआइआर तैयार होगा, इसका व्यवहारिक प्रशिक्षण जरूरी है. अब तैयार एफआइआर में क्या-क्या गलत रह गयी है, उसे भी बताने की जरूरत है. क्योंकि सिर्फ आइपीसी की धारा याद कर लेने से केस से जुड़े व्यवहारिक पहलुओं की जानकारी नहीं हो पाती है. अब तो व्यवहारिक में भी अंक मिलेंगे.
हर ट्रेनिंग सेंटर में 20 कंप्यूटर
डीजी ने कहा कि राज्य के हर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में 20-20 कंप्यूटर उपलब्ध कराया गया है. इनके जरिये कंप्यूटर के बेसिक नॉलेज प्राप्त करेंगे. इन सेंटरों पर कैमरा भी दिया गया है, ताकि अनुसंधान में फोटोग्राफी की जरूरतों को समझा जा सके. ट्रेनिंग के दौरान यह भी बताया जा रहा है कि घटना घटने पर कैसे घटनास्थल की फोटोग्राफी की जाये और उसके क्या फायदा है. यहीं नहीं, जो पुलिसकर्मी सीडीआर अध्ययन की इच्छा रखते हैं, उन्हें अलग से इसकी ट्रेनिंग दी जायेगी.
सीटीएस परिसर में आम के लगाये गये ढ़ाई सौ पौधे की देखभाल नहीं किये जाने पर डीजी (प्रशिक्षण) पीएन राय ने सीटीएस के पदाधिकारियों पर नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि देखभाल होती, तो शायद एक आम का पौधा बच सकता था. देखभाल नहीं होने पर एक भी पौधा नहीं बच पाया.

वह गुरुवार को एक दिवसीय कार्यक्रम के तहत सीटीएस नाथनगर पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि जब वे यहां के डीआइजी थे, तो सीटीएस परिसर में आम के ढ़ाई सौ पौधे लगाये थे. मकसद था कि उन पेड़ से उपज होने वाले आम की बिक्री से जो पैसे आयेंगे उससे सीटीएस का जीर्णोधार होगा. जैसे रसोई व शौचालय का निर्माण कराया जा सकता था. ताकि यहां पढ़ने वाले पुलिस कर्मियों को परेशानी नहीं हो सके. दोपहर 12.30 बजे सीटीएस मैदान पर जैसे ही डीजी (प्रशिक्षण) पहुंचे. गॉड ऑफ ऑनर देने के लिए कतार में खड़े पुलिस कर्मी की क्लास लगायी. गंदी वरदी व वरदी के ऊपर सही तरीके से बेल्ट नहीं लगाने व किसी का पेट बाहर निकल आने पर डांट लगायी. उन्होंने पुलिस कमियों से सख्त लहजे में कहा कि वरदी ठीक व साफ सथुरा पहनने. जिन लोगों का पेट बाहर है, वे व्यायाम कर अपने पेट को अंदर करें.

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