पीरपैंती. वैदिक ढंग से विवाह कराने की अष्ट विधि है. हिन्दू धर्मावलंबियों को विवाह का संपूर्ण संस्कार को पूरा करना चाहिए. वैदिक रीति से किया गया विवाह हमेशा फलदायी होता है. उक्त बातें प्रखंड के फौजदारी स्थित पंथेश्वर महादेव मंदिर परिसर में चल रहे पांच कंुडीय महारुद्र यज्ञ में रामचरित्र पर प्रवचन करते हुए रामायणी धनंजय जी वैष्णवी ने कही. उन्होंने रामकथा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रामकथा भवसागर पार करने का महान नौका है. इसके सुनने से पापियों का उद्धार होना तय है. यह हमारे जीवन को सुसज्जित एवं सुसंस्कृत बनाती है. मौके पर यज्ञाचार्य उदयशंकर ओझा, आयोजन उडि़या बाबा सहित यज्ञ संचालन समिति के सदस्यगण सक्रिय थे. संुदरकांड सुनने से बाधाओं से मुक्ति मिलती है : राधे-राधे बाबापीरपैंती. जिस घर और गांव में नियमित संुदरकांड का पाठ होता है वहां भगवान राम का आशीर्वाद और मां सीता का स्नेह बरसता है. बच्चों में उन्नत संस्कार विकसित होता है और वहां के लोगों में भ्रातृत्व का विकास होता है. उक्त बातें भगवताचार्य श्री राधे-राधे बाबा ने शनिवार को लक्ष्मीपुर स्थित नवनिर्मित बजरंगबली मंदिर में संुदरकांड के पाठ शुरू कये जाने के अवसर पर कही. इस अवसर पर दर्जनों महिलाओं-पुरुषों द्वारा समवेत गाजे-बाजे के साथ संुदरकांड का पाठ किया गया. मौके पर प्रसाद एवं भंडारे का भी आयोजन किया गया. कार्यक्रम के संचालन में मुख्य यजमान जगन्नाथ पांडे, रंजन पांडेय, पुपन पांडे, अवधेश पांडे, नीरज पांडे आदि सक्रिय थे.
वैदिक रीति से किया गया विवाह फलदायी : धनंजय वैष्णवी
पीरपैंती. वैदिक ढंग से विवाह कराने की अष्ट विधि है. हिन्दू धर्मावलंबियों को विवाह का संपूर्ण संस्कार को पूरा करना चाहिए. वैदिक रीति से किया गया विवाह हमेशा फलदायी होता है. उक्त बातें प्रखंड के फौजदारी स्थित पंथेश्वर महादेव मंदिर परिसर में चल रहे पांच कंुडीय महारुद्र यज्ञ में रामचरित्र पर प्रवचन करते हुए रामायणी […]
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