सोनवर्षाराज. मंगलवार की रात आयी आंधी व तूफान ने रबी फसल में महत्वपूर्ण गोल्डेन क्रार्प मक्का की फसल को बरबाद करके रख दिया है. क्षेत्रों से आ रही सूचना में मक्के की फसल के उपज पर ही किसान अपने साल भर का बजट तैयार करते हैं. गेहूं पहले ही दाना विहीन हो चुकी थी अब मक्के पर भी प्रकृति ने कहर बरसा कर किसानों के जीवन यापन के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर दी है. देहद पंचायत स्थित पदमपुर गांव के किसान नागेंद्र यादव, सुरेंद्र यादव, रामचंद्र यादव, दिनेश यादव, जय यादव बताते हैं कि रबी फसल के तबाह होने के बाद अब अगले रबी फसल की ही आशा बची है. क्योंकि ये पूरा क्षेत्र खरीफ फसल के वक्त कोसी के बाढ़ की चपेट में या सुखाड़ की चपेट में रहता है. किसान खरीफ फसल अर्थात धान के उपज के बाबत शायद ही सोचते हैं. वर्ष भर का बजट रबी फसल के उपज पर ही तय होता है. चूंकि खरीफ फसल का भरोसा कभी नहीं रहता. इस वजह से सभी की निगाहें सरकार प्रदत्त मुआवजे की तरफ ही है. गुरुवार को तूफान में गिर गये मक्का के फसलों काटते किसान का दर्द शायद ही कभी सरकार समझ सकती है. क्योंकि चंद मुआवजे की राशि से किसानोें के वर्ष भर के बजट का गुजारा शायद हो संभव है. गिर चुके मक्के के फसल का एकमात्र उपयोग है मवेशी के चारे के रूप में इस्तेमाल करना. क्योंकि मक्के के बाल में अभी-अभी दाना बना दूध के रूप में बनना शुरू ही हुआ था कि तूफान ने उसे जमीन पर गिरा डाला.
आंधी ने किसानों के जीवन यापन के लिए गंभीर समस्या खड़ी की
सोनवर्षाराज. मंगलवार की रात आयी आंधी व तूफान ने रबी फसल में महत्वपूर्ण गोल्डेन क्रार्प मक्का की फसल को बरबाद करके रख दिया है. क्षेत्रों से आ रही सूचना में मक्के की फसल के उपज पर ही किसान अपने साल भर का बजट तैयार करते हैं. गेहूं पहले ही दाना विहीन हो चुकी थी अब […]
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