भागलपुर: विभिन्न खेल संगठनों के अधिकारी व खिलाड़ियों को शायद खेल दिवस याद नहीं,. तभी तो गुरुवार कुछ एक जगहों को छोड़ कहीं कोई कार्यक्रम खेल दिवस पर नहीं हुआ. अगर कहीं कुछ खेल भी हुआ,तो महज खाना पूर्ति ही की गयी है. वर्तमान में यहां ऐसे कई खेल संगठन है. जिसके पदाधिकारी किसी न किसी रूप से खेल से जुड़ कर पैसा कमा रहे हैं.
जब खेल दिवस मनाने की बात आती है, तो संसाधन की कमी का रोना रोते हैं. वे कहते है कि उनके पास खेल दिवस मनाने के लिए पैसे नहीं है. जिला क्रिकेट संघ के सचिव डॉ आनंद मिश्र कहते हैं कि खेल के प्रति सरकार उदासीन है, तो खेल दिवस कहां से मनायेंगे. हां हॉकी के जादूगर खिलाड़ी मेजर ध्यान चंद्र उन्हें याद है.
एथलेटिक्स के सचिव नसर आलम कहते हैं कि खेल दिवस को लेकर पहले से कोई तैयारी नहीं थी. इस लिए खेल दिवस नहीं मनाया. जिला फुटबॉल संघ के संयुक्त सचिव फारूक आजम कहते है कि फुटबॉल का फाइनल मैच मुख्य रूप से खेल दिवस पर ही रखा गया है. इस लिए संघ ने खेल दिवस तो मना लिया. भागलपुर क्रिकेट अकादमी के सचिव सुबीर मुखर्जी कहते है कि खेल दिवस पर कार्यक्रम होने चाहिए. उन्होंने दुख का इजहार करते हुए कहा कि जब खेल संगठन के अधिकारी का यह हाल है, तो खिलाड़ी का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.