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महाविलय पर बुद्धिजीवियों की प्रतिक्रिया

जनता परिवार का महाविलय होना अच्छी बात है. विलय होने के साथ ही जनता के सवालों पर एक स्पष्ट कार्यक्रम हो. समाजवादी परिवार एक हो रहा है तो उसका लक्ष्य समाजवाद की ओर जरूर होना चाहिए. उसी पर केंद्र्रित आंदोलन होना चाहिए. सुधीर शर्मा, जिला सचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी———–बिहार में राजद और जदयू के साथ […]

जनता परिवार का महाविलय होना अच्छी बात है. विलय होने के साथ ही जनता के सवालों पर एक स्पष्ट कार्यक्रम हो. समाजवादी परिवार एक हो रहा है तो उसका लक्ष्य समाजवाद की ओर जरूर होना चाहिए. उसी पर केंद्र्रित आंदोलन होना चाहिए. सुधीर शर्मा, जिला सचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी———–बिहार में राजद और जदयू के साथ जो चार अन्य राजनीतिक दलों का विलय हुआ है. बिहार में जदयू और राजद ही प्रभावी है. आज तक नीतीश कुमार विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ते रहे. अब जातीय समीकरण आने वाले चुनाव में हावी होने वाली है. विकास का मुद्दा नेपथ्य में चला जायेगा. इसे लेकर आम मतदाता में चिंता व्याप्त है.मुकुटधारी अग्रवाल, अध्यक्ष,इस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन———जनता परिवार की एकता से जनता का कुछ भला नहीं होने जा रहा है. जिस भाजपा को रोकने के लिए एकजुट हो रहे हैं, उस भाजपा के साथ नीतीश जी कई साल तक बिहार में एक साथ रहे और नीतीश कुमार ने भाजपा को बिहार में मजबूत होने में मदद पहुंचायी. खुद 15 साल तक लालू प्रसाद सत्ता में रहते हुए भाजपा को रोकने की बात करते रहे, लेकिन लालू -राबड़ी सरकार के जनविरोधी रवैये ने ही भाजपा-जदयू का सरकार बनने का रास्ता साफ किया.रिंकु, जिला सचिव, भाकपा माले———अलग-अलग विचारधारा के नेता एक मंच पर आ गये हैं. पिछले 25 वर्षों से जो अलग थे, उन्हीं का विलय हुआ है. कहना बहुत मुश्किल है कि विलय आने वाले समय में कितना कारगर साबित होगा. क्योंकि इस विलय के पीछे एक ही मकसद रहा है कि प्रदेश में मोदी की सरकार नहीं आये. शैलेंद्र सर्राफ, अध्यक्ष, चेंबर ऑफ कॉमर्स————

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