इस मामले में किसी पक्ष ने थाना में प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी थी, जबकि मामले को लेकर पुलिस को चार घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी थी. मौके पर पहुंचे आदमपुर थानेदार के साथ भी मेडिकल छात्रों ने र्दुव्यवहार किया था. यहीं नहीं, मीडियाकर्मियों के साथ भी अभद्र व्यवहार किया गया था. दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे थे.
व्यवसायी का कहना था कि उनकी मंगेतर के साथ मेडिकल छात्रों ने छेड़खानी की और विरोध करने पर कार में तोड़-फोड़ कर दिया. जबकि मेडिकल के छात्रों का कहना था कि कार पर सवार पांच युवक ने मेडिकल छात्र को देख हवाइअड्डे में तेज ड्राइविंग शुरू कर दी थी. इसके बाद मेडिकल छात्रों ने कार का पीछा करते हुए दीपनगर चौक के पास आकर व्यवसायी (कार के चालक) के साथ मारपीट की थी. व्यवसायी के पक्ष में मुहल्लेवासियों ने मेडिकल छात्रों को पीटा था. पुलिस ने दो मेडिकल छात्रों को हिरासत में भी लिया था. लेकिन दोनों पक्षों में समझौता हो जाने के कारण प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई थी.