सुलतानगंज . अंगिका भाषा के विकास में साहित्यकारों की कलम तेज और मुखर हो. भाषा का विकास व समृद्धि ही साहित्यकार की पूंजी होती है. ये बातें क्षेत्रीय विधायक सुबोध राय ने कहीं. श्री राय रविवार को अजगैवीनाथ साहित्य मंच व अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के संयोजन में आयोजित विचार गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
विधायक ने कहा कि सरकार के भरोसे नहीं साहित्यकार के परिश्रम व लगन से भाषा का विकास होता है. अंगिका का व्यापक फैलाव और इससे अधिक से अधिक लोगों का जुड़ाव जरूरी है. लुप्त हो चुके अंगिका के गीत पर आज नयी जान फूंकने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 30 मार्च को मुख्यमंत्री से मिल कर उन्होंने अंगिका भाषा को आठवीं सूची में शामिल करने के वादे की याद दिलायी. सीएम ने तत्काल पीए को आदेश निकालने का निर्देश दिया है.
अंगिका के विकास के लिए संघर्ष का संकल्प : डॉ ब्रrादेव नारायण सत्यम के आवास पर आयोजित विचार गोष्ठी में सभी ने एक सुर में कहा कि सीएम की घोषणा पर जल्द अमल हो. अंगिका के विकास के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता साथी सुरेश सूर्य ने की. विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अमरेंद्र, राजकुमार, दिनेश बाबा तपन थे. इस मौके पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ बीएन सत्यम, अनुमंडलाध्यक्ष प्रो ललित नारायण मंडल, शिक्षा विद महेंद्र नारायण सिंह, प्रो डॉ बी एन सिंह के अलावा हीरा प्रसाद हरेंद्र, साथी सुरेश सूर्य, डॉ राजेंद्र प्रसाद मोदी, अंजनी कुमार शर्मा, सुधीर कुमार प्रोग्रामर, भावानंद सिंह प्रशांत, मनीष कुमार गूंज, साथी इंद्रदेव, अनिल यायावर, अरविंद कुमार मुन्ना, हरिनंदन चौरसिया, निखिल चंदन, कुमार मनीष, चंद्र प्रकाश आदि उपस्थित थे.