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अफवाह के सहारे हो गयी पांच लाख की कमाई

भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में नौकरी मिलने की अफवाह के सहारे खूब वारे-न्यारे हुए. अंदर ही अंदर कुछ लोगों ने लाखों की कमाई कर ली. सूचना है कि विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा पीजी हेड व प्राचार्यो को जारी एक पत्र को नौकरी के लिए विज्ञापन बता कर बेचे गये, जबकि कुलसचिव द्वारा जारी पत्र […]

भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में नौकरी मिलने की अफवाह के सहारे खूब वारे-न्यारे हुए. अंदर ही अंदर कुछ लोगों ने लाखों की कमाई कर ली. सूचना है कि विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा पीजी हेड व प्राचार्यो को जारी एक पत्र को नौकरी के लिए विज्ञापन बता कर बेचे गये, जबकि कुलसचिव द्वारा जारी पत्र कुलाधिपति के निर्देश के हवाले से जारी किया गया था.
विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों व जानकारों का कहना है कि किसी भी प्रकार की नियुक्ति बगैर विज्ञापन के नहीं हो सकती और किसी इंटरनल सकरुलर को विज्ञापन नहीं कहा जा सकता. कुलसचिव द्वारा जारी पत्र में कुलाधिपति के निर्देश का हवाला देते हुए पीजी हेड व प्राचार्यो से स्वीकृत पद के विरुद्ध खाली पदों की सूची मांगी गयी थी ताकि कांट्रैक्ट के आधार पर नियुक्ति की जा सके. इसमें कंप्यूटर ऑपरेटर, तृतीय वर्गीय, चतुर्थ वर्गीय, माली, ड्राइवर, स्वीपर आदि पदों को शामिल किया गया था.
पत्र में यह भी कहा गया था कि नियुक्ति के लिए सकरुलर, नोटिस व वेबसाइट के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे. इसके बाद साक्षात्कार कर कमेटी द्वारा उसे अर्हता के अनुसार वर्गीकृत किया जायेगा. पत्र में संविदा के आधार पर नियुक्ति से संबंधित तमाम नियमों का जिक्र है, न कि आवेदन आमंत्रित किये जाने का जिक्र है. लेकिन पत्र को नियुक्ति की सूचना बताते हुए कुछ लोगों द्वारा लाखों की कमाई किये जाने की सूचना मिली है. कहा जा रहा है कि 3000 आवेदन जमा हुए हैं. ऐसे में एक आवेदन के लिए अगर उक्त पत्र को कम से कम 200 रुपये में भी बेचा गया होगा, तो यह राशि छह लाख होती है. वैसे पूरे राज से परदा तभी उठ सकेगा, जब इसकी गहन जांच हो पायेगी.

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