भागलपुर: राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत गर्भवती माताओं व नवजात शिशुओं की सही तरह से देखभाल हो इसे लेकर गुरुवार को प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम की अध्यक्षता में बैठक हुई.बैठक में तय किया गया कि ग्रामीण स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर माह हो. आयुक्त ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य विभाग, आइसीडीएस, पीएचइडी एवं पंचायती राज विभाग के संयुक्त सहभागिता से इस कार्यक्रम को सफल बनाया जाये. प्रसव पूर्व एवं प्रसव के समय में चिकित्सीय जांच की अच्छी व्यवस्था हो.
बच्चे के जन्म के बाद उसकी देखभाल व टीकाकरण, दवा वितरण सहित अन्य सुविधाएं उन्हें उपलब्ध करायी जाये. आरडीडी डॉ सुधीर कुमार महतो ने बताया कि आइसीडीएस विभाग में स्वास्थ्य जांच व परामर्श सेवा, बच्चों के ग्रोथ की मॉनीटरिंग, पोषाहार, टीकाकरण, रेफरल सेवाओं की मॉनीटरिंग करे. पीएचइडी विभाग शौचालय, आंगनबाड़ी केंद्र पर शौचालय का निर्माण, सामुदायिक कॉम्प्लेक्स, पानी की जांच सहित अन्य सुविधाएं बढ़ाएं एवं पंचायती राज विभाग ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इन सुविधाओं को लेने के लिए प्रेरित करें. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गांव के अंतिम व्यक्ति तक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं व उपचार को उपलब्ध कराना इन विभागों का संयुक्त प्रयास से होगा. क्षेत्र में जहां पानी में फ्लोराइड व आर्सेनिक है, वहां के हैंड पंप में फ्लोराइड फ्री करने की मशीन लगायें साथ ही वहां के पानी को ला कर सेंट्रल लैब में जांच करें. बैठक में सिविल सजर्न डॉ यूएस चौधरी, बांका सीएस, आरपीएम अरुण प्रकाश सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे.
आयुक्त ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य विभाग एएनएम को कीट के साथ पानी की जांच के लिए भी कीट उपलब्ध कराएं. आइसीडीएस को कहा गया कि किस इलाके में कितने हैंड पंप एवं जल श्रोत की जांच कीट से की गयी है. इसकी सूची जमा करें एवं ग्रामीण स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति की राशि से जल जांच कीट का क्रय किया जाये. इसके लिए पीएचइडी सभी को प्रशिक्षण देकर तैयार करें साथ ही हर माह इससे संबंधित जांचों का ब्योरा सीएस व डीएम को देंगे. एएनएम गर्भवती महिलाओं की नियमित हीमोग्लोबीन व ब्लड प्रेशर की जांच करें. जिला पदाधिकारी भागलपुर-बांका को निर्देश दिया गया कि वे प्रखंड के प्रभारी उप समाहर्ता की अध्यक्षता में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं प्रखंड समन्वयक, पीएचइडी विभाग के साथ नियमित रुप से बैठक कर ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस कार्यक्रम की संयुक्त समीक्षा करें.
जहां कमी हो वहां हीमोग्लोबीन कीट, निश्चय कीट, जल शुद्धता कीट उपलब्ध कराया जाये. प्रखंडों में होने वाली माहवार अंतर्विभागीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता प्रखंड के प्रभारी उप समाहर्ता करेंगे. जिसमें तीनों विभागों के पदाधिकारी, कर्मचारी सहित प्रखंड विकास पदाधिकारी भी भाग लेंगे. इसके पूर्व दोनों जिलों के डीएम को प्रभारी उप समाहर्ता के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन करने का निर्देश दिया गया. प्रशिक्षण में बीटीएएसटी के जिला प्रतिनिधि तकनीकी सहयोग प्रदान करेंगे. पोषण दिवस की समीक्षा के लिए क्षेत्रीय पदाधिकारी को चेक लिस्ट तैयार करने को कहा. सीएस व आइसीडीएस के प्रोग्राम पदाधिकारी को कहा गया कि ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता व पोषण दिवस के एक दिन पूर्व आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका एवं आशा कार्यकर्ता के द्वारा सामाजिक उत्प्रेरक का कार्य सुनिश्चित हो एवं महिला मंडल की बैठक भी करें.