शुक्रवार को रामेश्वर प्रसाद ने निवेशक और अभिकर्ता को वार्ता के लिए बुलाया था, लेकिन खुद ही घर से गायब हो गये. इससे आक्रोशित दर्जन लोगों ने उनके घर पर हंगामा किया. मामले की जानकारी मिलते ही बबरगंज पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत कराया. बाद में सैकड़ों ग्राहकों का हस्ताक्षर युक्त पत्र डीएम को सौंपा गया, जिसमें कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी.
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प्रयाग लिमिटेड के लीडर का घर घेरा
भालपुर: प्रयाग इंफोटेक हाइ राइज लिमिटेड के निवेशकर्ता और अभिकर्ता ने शुक्रवार को अलीगंज अंबा बाग स्थित कंपनी के सीनियर लीडर रामेश्वर प्रसाद साह के घर का घेराव किया. सारे ग्राहक और अभिकर्ता कंपनी में जमा किये गये पैसों को वापस करने की मांग कर रहे थे. भागलपुर जिले में एक हजार से अधिक ग्राहकों […]
भालपुर: प्रयाग इंफोटेक हाइ राइज लिमिटेड के निवेशकर्ता और अभिकर्ता ने शुक्रवार को अलीगंज अंबा बाग स्थित कंपनी के सीनियर लीडर रामेश्वर प्रसाद साह के घर का घेराव किया. सारे ग्राहक और अभिकर्ता कंपनी में जमा किये गये पैसों को वापस करने की मांग कर रहे थे. भागलपुर जिले में एक हजार से अधिक ग्राहकों ने कंपनी में लाखों रुपये का निवेश किया है. 2013 से कंपनी अपना कारोबार समेट कर भाग गयी है.
2004 से भागलपुर में चल रही थी कंपनी. ग्राहकों ने बताया कि 2004 से यह कंपनी भागलपुर में चल रही थी, लेकिन 2013 में कंपनी ने बिहार में चल रही सभी शाखाओं को अचानक बंद कर दिया. बिहार में प्रयाग ग्रुप के ग्राहकों की संख्या लाखों में है और लोगों ने करीब तीन हजार करोड़ का निवेश सिर्फ बिहार में किया है. कई जिलों में कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. कंपनी अभी भी गोपनीय तरीके से लेन-देन कर रही है.
दूसरी कंपनी भी खोल ली. ग्राहक रूपेश कुमार ने बताया कि प्रयाग लिमिटेड के बंद होने के बाद रामेश्वर ने ब्राइट न्यू नेटवर्किग प्राइवेट लिमिटेड नामक एक दूसरी नन बैकिंग कंपनी खोल ली है. रामेश्वर निवेशकर्ता और अभिकर्ताओं से कहते है कि जो नयी कंपनी से जुड़ेगा, उसी का पैसा वापस होगा. रूपेश ने बताया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में ननबैकिंग कंपनी द्वारा पैसे लेकर भागने के मामले को मुद्दा बनाया जायेगा, क्योंकि इससे हजारों लोग जुड़े हैं.
पापड़ बेच ठोंक ली अट्टालिका. ग्राहकों ने बताया कि रामेश्वर प्रसाद साह पहले पापड़ बेचते थे. इसके बाद उन्होंने प्रयाग ग्रुप ज्वाइन किया. कंपनी में रहते हुए रामेश्वर ने अलीगंज के अंबाबाग में अट्टालिका ठोंक ली. ग्राहकों ने प्रशासन से उनकी संपत्ति की जांच की मांग की है. आखिर इतने कम समय में रामेश्वर को कौन सा खजाना हाथ लग गया जो उन्होंने तीन मंजिली इमारत ठोंक ली. ग्राहकों का आरोप है कि पैसे लेकर भागने में सबसे अहम भूमिका रामेश्वर की है.
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