भागलपुर: जिले में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है. भागलपुर में गंगा खतरे के निशान को पार कर गयी है. खतरे के निशान से चार सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जलस्तर में वृद्धि लगातार जारी है. ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं भागलपुर शहर के निचले इलाके में भी पानी प्रवेश करने लगा है. प्रभावित क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जलावन व पशुचारे की भारी किल्लत हो गयी है. प्रभावित क्षेत्र के लोग ऊंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं. दियारा क्षेत्र में हरी सब्जी और मकई की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. नवगछिया अनुमंडल के कई इलाके में कटाव जारी है. नवगछिया अनुमंडल सहित सुल्तानगंज, कहलगांव, पीरपैंती, नाथनगर व सबौर प्रखंड का एक बड़ा इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया है. लाखों की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. पशुपालकों को काफी दिक्कत हो रही है. पशु पानी में खड़े रहे हैं.
पशुचारे की भी किल्लत हो गयी है. एनएच 80 पर भी बाढ़ का दबाव बढ़ गया है. इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन पर खतरा मंडरा रहा है. गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी रहने से लोग संशकित हैं. भागलपुर में गंगा का खतरे का निशान 33.68 मीटर है. लेकिन गंगा यहां चार सेंटीमीटर ऊपर 33.72 मीटर पर बह रही है. कहलगांव में खतरे के निशान 31.9 से ऊपर 31.61 मीटर पर गंगा बह रही है. बुधवार को जलस्तर में और बढ़ोतरी होगी. सैकड़ों मकानों व झोपड़ियों में पानी प्रवेश कर गया है. कच्चे मकान वाले गांव के पक्के मकानों की छत पर शरण लिए हुए हैं. आने जाने में भी लोगों को काफी परेशानी हो रही है. बाढ़ पीड़ितों को अबतक किसी तरह की सहायता नहीं मिली है. जिले के दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क भंग हो गया है.
स्थिति भयावह
सुल्तानगंज, अकबरनगर, नवगछिया, गोपालपुर, नारायणपुर, कहलगांव व पीरपैंती में क्षेत्र में मंगलवार को बाढ़ ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया. बाढ़ से क्षेत्रों में स्थिति बहुत ही नाजुक बनी हुई है. सुल्तानगंज के छिटमकंदपुर, शाहाबाद, कल्याणपुर, पुरानी मोतीचक, श्रीरामपुर, किशनपुर, नया टोला भवनाथपुर, कमरगंज, गनगनिया के दर्जनों गांवों में पानी भर गया है. गंगा के तेज बहाव के चपेट में आने से खूटांहा के प्रकाश पोद्दार डूब गया. उसकी तलाश की जा रही है. खरीक प्रखंड के राघोपुर में फिर 40 मीटर जमीनदारी बांध ध्वस्त हो गया है.
कहलगांव में जल स्तर बढ़ने के कारण कहलगांव के अनेक विद्यालयों में गंगा का पानी प्रवेश कर गया है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय त्रिमुहान में छात्रों को पानी में घुस कर पढ़ने जाना पड़ता है. तौफिल अठ्ठावन, बीरबन्ना आदि के कई स्कूलों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. नारायणपुर प्रखंड के नवटोलिया काली मंदिर के सामने गंगा के जल स्तर में हुई बढ़ोतरी से तटबंध पर अत्यधिक दबाव हो गया है. यहां गंगा का जल स्तर तटबंध से महज एक फीट नीचे है. रंगरा ओपी थाना क्षेत्र के चापर के श्याम साह का पुत्र छट्ठ साह का कोसी नदी में डूबने से उसकी मौत हो गयी.