उन्होंने बताया कि डॉल्फिन के शरीर पर कई जगह खरोंच के निशान हैं. सबसे अधिक खरोंच मुंह के पास है. इससे लगता है कि गंगा में रहनेवाले जलीय जीव घड़ियाल के हमले में घायल होने से डॉल्फिन की मौत हुई है.
हालांकि इसकी पुष्टि अभी नहीं हो सकती है. हमने रिपोर्ट में लिखा है कि इंज्यूरी ड्यू टू वाटरल एलीगेटर अटैक. वन विभाग के अनुरोध पर हमने डॉल्फिन का बिसरा और चमड़े का टुकड़ा अलकोहल में डाल कर विशेष जांच के लिए पटना भेज दिया है. अगर डॉल्फिन की मौत जहर की वजह से होती, तो उसके शरीर का रंग अलग होता. वन विभाग के रेंज अधिकारी बीपी सिन्हा ने बताया कि पोस्टमार्टम हो गया है, पर रिपोर्ट सोमवार को मिलेगी. बताया गया है कि चोट लगने से डॉल्फिन की मौत हुई है.