कहलगांव. कहलगांव के पवित्र उत्तरवाहिनी बटेश्वर स्थान गंगा किनारे आसपास के भागलपुर, गोड्डा व साहेबगंज जिले के लगभग 5000 संथालों ने पारंपरिक तरीके से लोटा पूजा की. एक संथाली हीरा बासकी ने बताया कि हमलोग गंगा में पवित्र स्नान कर फूल, अक्षत, धूप आदि से अपनी कुलदेवी की पूजा करते हैं. इसके बाद गांव के भगत पर भगवती सवार होती हैं, जिससे सभी अपनी-अपनी मनोकामना मांगते हैं. उन्होंने बताया कि आज रात में भजन-कीर्तन कर पुन: सुबह गंगा में डूबकी लगा कर और लोटे में जल भर कर घर ले जाते हैं. लोटे के जल को अपने घरों, पशुओं तथा खेतों में छिड़केंगे. मान्यता है कि इससे कुलदेवी प्रसन्न होती है और समृद्धि आती है. बटेश्वर में घाट व सड़क खतरनाककहलगांव. माघी पूर्णिमा पर कहलगांव व बटेश्वर उत्तरवाहिनी गंगा तट पर लगभग एक लाख श्रद्धालु गंगा स्नान करेंगे, लेकिन बटेश्वर गंगा तट पर गहरा कछार है. जिससे यहां स्नान करना खतरे से खाली नहीं है. बटेश्वर जाने वाले रास्ते भी खतरनाक है. कहीं पानी जमा है, तो कहीं दूर तक कीचड़ भरा पड़ा है, जिसमें फिसलन है. श्रद्धालु इसे ही पार कर बटेश्वर पहंुचेंगे.
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आदिवासियों ने की पवित्र लोटा पूजा
कहलगांव. कहलगांव के पवित्र उत्तरवाहिनी बटेश्वर स्थान गंगा किनारे आसपास के भागलपुर, गोड्डा व साहेबगंज जिले के लगभग 5000 संथालों ने पारंपरिक तरीके से लोटा पूजा की. एक संथाली हीरा बासकी ने बताया कि हमलोग गंगा में पवित्र स्नान कर फूल, अक्षत, धूप आदि से अपनी कुलदेवी की पूजा करते हैं. इसके बाद गांव के […]
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