कुछ सदस्य सीनेट की बैठक से पूर्व कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे से मिल कर बजट निर्माण में कुछ बातों पर ध्यान दिलाने का भी सोच चुके हैं. कुछ सदस्यों से बातचीत में यह सामने आयी कि सीनेट की बैठक में वेतन, प्रोन्नति और कॉलेजों को मिलनेवाला संबंधन का मुद्दा छाया रहेगा. छह सदस्यों से बात की गयी, जिसमें केवल एक सदस्य ने शैक्षणिक माहौल के मुद्दे उठाने की बात बतायी.
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वेतन, प्रोन्नति व संबंधन का छायेगा मुद्दा
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में 28 फरवरी को सीनेट की बैठक होगी. विश्वविद्यालय की ओर से सभी सीनेट सदस्यों को बैठक की कार्य सूची उपलब्ध करा दी गयी है. सदस्यों को फिलहाल बजट की कॉपी नहीं मिली है, लेकिन सदस्यों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है. कुछ सदस्य सीनेट की बैठक से पूर्व कुलपति […]
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में 28 फरवरी को सीनेट की बैठक होगी. विश्वविद्यालय की ओर से सभी सीनेट सदस्यों को बैठक की कार्य सूची उपलब्ध करा दी गयी है. सदस्यों को फिलहाल बजट की कॉपी नहीं मिली है, लेकिन सदस्यों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है.
मांगें नहीं मानी, तो नहीं देंगे समर्थन . टीएनबी कॉलेज के हिंदी विभाग के शिक्षक व सीनेट सदस्य डॉ योगेंद्र ने बताया कि कुलपति को उन्होंने लिखित रूप में दे दिया है कि बजट में क्या रहना चाहिए. उन्होंने बताया कि केवल सृजित व स्वीकृत पदों पर कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों को ही बजट में शामिल करने की मांग की है. किन्हीं वजह से किसी के पद स्वीकृत नहीं है, उन्हें बजट में शामिल करना राज्य सरकार से धोखा होगा. जो प्रोन्नति नियमानुकूल है, उन्हीं को केंद्र में रख कर बजट बने. मांगें नहीं मानने पर वे बजट पारित करने में समर्थन नहीं देंगे. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के वेतन निर्धारण सेल से कुछ शिक्षकों का वेतन निर्धारण न करते हुए उसकी सूची विवि को यह कहते हुए लौटा दी है कि ऐसे शिक्षकों का पद ही नहीं है.
सतर्कता नहीं रही, तो गुमराह करेगा बजट
भुस्टा के महासचिव व सीनेट सदस्य डॉ शंभु प्रसाद सिंह ने बताया कि विवि का तो एक ही मामला है बजट पास करना. इसमें मुद्दे क्या हो सकते हैं, लेकिन विवि प्रशासन ने सतर्क रह कर बजट तैयार नहीं किया, तो यह बजट सरकार को गुमराह करेगा. अभी भी लगभग 50 शिक्षक हैं, जिनको प्रोन्नति नहीं मिली है. लगभग 50 शिक्षक की प्रोन्नति तिथि में परिवर्तन करना लंबित है. जनवरी में जिन शिक्षकों को प्रोन्नति दी गयी, उनका वेतन निर्धारण नहीं हुआ है. इन तमाम लंबित प्रक्रिया को पूरा किये बिना बजट तैयार नहीं किया गया, तो यह खानापूर्ति होगी. इस पर कुलपति से बात करेंगे.
कैसे हो रहे बिना पुष्टि हुए काम
टीएनबी कॉलेज शिक्षक संघ के अध्यक्ष व सीनेट सदस्य डॉ डीएन राय ने बताया कि पिछले वर्ष जो बजट बना था, उसके अनुरूप कार्य नहीं हुआ है. बजट अनुमानित पास करते हैं. सरकार वास्तविक बजट मांगती है. अनुमानित बजट भेजे जाने पर बाद में सरकार उसे बनाने के बाद ही राशि भेजती है. विद्वत परिषद, एकेडमिक काउंसिल में बहुत सारे प्रस्ताव नियमानुकूल पारित नहीं होते. कॉलेजों को संबंधन नियमानुकूल नहीं दिया जाता है. बीएड कॉलेज को संबंधन देने का मानक पूरा नहीं होता है. वर्ष 2014 में हुए सीनेट में विद्वत परिषद के वृत्त की पुष्टि नहीं हुई थी. बिना पुष्टि के हुए कार्य का मुद्दा उठायेंगे.
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