वार्ड में सफाई कर्मियों की संख्या कम कर दी गयी है. 15 दिन में भी कूड़ा का उठाव नहीं हो रहा है. मंगलवार को खुद ढूंढ़ कर एजेंसी के सफाई कर्मी को लाना पड़ा, तो कूड़ा का उठाव हो सका है. वह भी दो ही ट्रिप कूड़ा का उठाव हुआ. इस पर नगर आयुक्त ध्यान दें. निजी सफाई एजेंसी का काम संतोषजनक नहीं है. किसी दूसरी एजेंसी को काम सौंप या अन्य कोई व्यवस्था करें, ताकि वार्ड की समुचित सफाई हो सके.
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संसाधन का अभाव,नहीं हो रही सफाई
भागलपुर: शहर की सफाई व्यवस्था प्राइवेट हाथों में जाने से लगभग एक माह बीतने को है. इसके साथ ही सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गयी है. इसके बाद भी एजेंसी संसाधन का जुगाड़ नहीं कर सकी है. शहर में जहां-तहां कूड़ा-कचरा का ढेर लगा है. वार्ड-35 के पार्षद दिनेश तांती ने बताया कि निजी […]
भागलपुर: शहर की सफाई व्यवस्था प्राइवेट हाथों में जाने से लगभग एक माह बीतने को है. इसके साथ ही सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गयी है. इसके बाद भी एजेंसी संसाधन का जुगाड़ नहीं कर सकी है. शहर में जहां-तहां कूड़ा-कचरा का ढेर लगा है. वार्ड-35 के पार्षद दिनेश तांती ने बताया कि निजी सफाई एजेंसी का काम बेहद घटिया है.
हड़ताल पर हैं स्थायी सफाई कर्मी. स्थायी सफाई कर्मियों की हड़ताल 11 वें दिन यानी, मंगलवार को भी जारी रही. बावजूद अब तक किसी प्रकार का कोई भी निष्कर्ष नहीं निकल सका है. नगर सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष बोंगा हरि ने बताया कि नगर आयुक्त की ओर से समझौता की दिशा में कोई पहल नहीं हो रही है. फलत: सफाई कर्मचारियों में आक्रोश है. अगर दो दिनों में नगर निगम प्रशासन समझौता नहीं करते हैं, तो ट्रैक्टर परिचालन एवं कार्यालय का काम ठप करने को बाध्य होंगे. उन्होंने बताया कि संघ इस बात से भी क्षुब्ध है कि 26 जनवरी के दिन सफाई कर्मचारियों को झंडोत्ताेलन समारोह में शामिल होने से वंचित कर दिया गया.
जैसे-तैसे हो रही सफाई
स्थायी सफाई कर्मियों के हड़ताल पर रहने से वार्ड 36 से 51 के बीच सफाई का काम जैसे-तैसे हो रहा है. सफाई के नाम पर नगर निगम केवल खानापूरी कर रहा है. जहां नियमित दो-तीन टाइम सफाई होनी चाहिए, वहां सप्ताह में भी सफाई नहीं हो पा रही है.
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