हाल के वर्षो में शहर में बढ़े अपराध में भी साइबर हैकिंग के मामले सामने आये हैं. श्री कुमार बताते हैं कि इंटरनेट प्रयोग में जरा सी लापरवाही बरतने पर यह लूट से लेकर हत्या तक का कारण बनता है. ऐसे में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता की अहम भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में ऑनलाइन बैंकिंग मैलवेयर से प्रभावित देशों की सूची में जापान और अमेरिका के बाद भारत तीसरे स्थान पर रहा.
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हैंकिंग के बढ़े मामले, सजग होना जरूरी
भागलपुर: घर बैठे एक एकाउंट से दूसरे एकाउंट में फंड ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन बैंकिंग या अपने स्मार्ट फोन से वित्तीय लेन-देन जैसी गतिविधि पर इन दिनों साइबर अपराधियों की नजर है. एसोचैम महिंद्रा एसएसजी के अध्ययन की रिपोर्ट के बारे में विशेष बातचीत करते हुए साइबर एक्सपर्ट अमित कुमार ने कहा कि साइबर अपराध […]
भागलपुर: घर बैठे एक एकाउंट से दूसरे एकाउंट में फंड ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन बैंकिंग या अपने स्मार्ट फोन से वित्तीय लेन-देन जैसी गतिविधि पर इन दिनों साइबर अपराधियों की नजर है. एसोचैम महिंद्रा एसएसजी के अध्ययन की रिपोर्ट के बारे में विशेष बातचीत करते हुए साइबर एक्सपर्ट अमित कुमार ने कहा कि साइबर अपराध के आ रहे मामले में अपराधी मुख्य रूप से लोगों के खाते से फंड निकासी कर रहे हैं. इसके शिकार हाइटेक वित्तीय लेन देन वाले बैंक खाता धारक ही हो रहे हैं.
सामाजिक नेटवर्किग प्रोफाइल को करें सुरक्षित : साइबर एक्सपर्ट अमित कुमार ने कहा कि सामाजिक नेटवर्किग प्रोफाइल को सुरक्षित करने की जरूरत है. इसके लिए अपने सुरक्षा सेटिंग्स की जांच करें. इसके अलावा किसी भी भेजे गये ईमेल के बारे में पूरी जानकारी एकत्र करें. इसमें उसके स्नेत के बारे में पुष्टि करने पर ही उससे जानकारी का आदान-प्रदान करें.
साइबर अपराध का बढ़ रहा देश में ग्राफ
साइबर एक्सपर्ट श्री कुमार कहते हैं कि देश में वर्ष 2011 से 2014 तक के साइबर अपराध का आंकड़ा काफी बढ़ गया है. इसमें वर्ष 2011 में पुलिस रिकार्ड में दर्ज साइबर अपराध की संख्या 13301, वर्ष 2012 में 22060, वर्ष 2013 में 71780 तथा वर्ष 2014 में 149254 रही. अध्ययन में वर्ष 2015 में इस अपराध में 3 लाख गुणा बढ़ने का अनुमान लगाया है. दूसरी तरफ मोबाइल धोखाधड़ी वित्तीय लेनदेन के 35-40 फीसदी मोबाइल उपकरणों के माध्यम से किया जाता है. यह संख्या भी वर्ष 2015 में 55-60 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है.
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