– जेएलएनएमसीएच प्रबंधन परेशानवरीय संवाददाता,भागलपुर एमसीआइ का निरीक्षण नहीं होने से जेएलएनएमसीएच प्रबंधन परेशान है. जानकार बताते हैं कि पिछले पांच वर्षों से लगातार निरीक्षण के दौरान एमसीआइ को सबसे अधिक शिक्षकों की कमी खलती रही. इस कमी से कॉलेज प्रबंधन नहीं उबर पा रहा है. जबकि यहां पीजी की पढ़ाई भी पिछले दो वर्षों से हो रही है. पिछले ढ़ाई माह से मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के आने की तैयारी को लेकर कॉलेज प्रबंधन कसरत कर रहा था. पर टीम नहीं आयी. जबकि राज्य के अन्य कॉलेजों में पीएमसीएच एवं गया मेडिकल कॉलेज का टीम ने निरीक्षण किया. पिछले सप्ताह 20 से अधिक सीनियर रेजिडेंट की पोस्टिंग भी जेएलएनएमसीएच में की गयी पर अब तक सभी चिकित्सकों ने योगदान नहीं दिया है. जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज में बाहरी चिकित्सक आना नहीं चाहते हैं. चूंकि अपने-अपने जिलों में चिकित्सकों की अच्छी प्रैक्टिस है. भागलपुर के भी कई चिकित्सकों की नौकरी बेतिया मेडिकल कॉलेज समेत अन्य स्थानों के लिए पक्की हुई थी पर अधिकतर चिकित्सक अपने गृह जिला का मोह नहीं त्याग सके. आज भी यहीं प्रैक्टिस कर रहे हैं. जानकार बताते हैं कि पिछले माह नौलखा स्थित कॉलेज परिसर में एमबीबीएस फाइनल इयर के छात्रों द्वारा शिक्षक की पिटाई व प्राचार्य डॉ अर्जुन कुमार सिंह के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले को लेकर कॉलेज की काफी किरकिरी हुई थी. कुछ लोग एमसीआइ की टीम द्वारा निरीक्षण नहीं करना इससे भी जोड़ कर देख रहे हैं. हालांकि अधीक्षक डॉ आरसी मंडल का कहना है कि हमलोग अपने स्तर से निरीक्षण को पूरी तरह से तैयार हैं अब टीम को जब आना हो आएं. हमारे स्तर से कोई कमी नहीं है.
एमसीआइ का नहीं हुआ निरीक्षण
– जेएलएनएमसीएच प्रबंधन परेशानवरीय संवाददाता,भागलपुर एमसीआइ का निरीक्षण नहीं होने से जेएलएनएमसीएच प्रबंधन परेशान है. जानकार बताते हैं कि पिछले पांच वर्षों से लगातार निरीक्षण के दौरान एमसीआइ को सबसे अधिक शिक्षकों की कमी खलती रही. इस कमी से कॉलेज प्रबंधन नहीं उबर पा रहा है. जबकि यहां पीजी की पढ़ाई भी पिछले दो वर्षों […]
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