हालांकि जांच प्रभावित होने के भय से पुलिस अभी कुछ भी बताने से परहेज कर रही है. लेकिन आरंभिक जांच में पुलिस इस मामले में महज दुर्घटना नहीं मान रही है. आग में जो-जो कागजात जले, उससे किसको फायदा हो सकता था इसका पता पुलिस लगा रही है. आदमपुर थानेदार इंद्रदेव पासवान के अलावा विधि-व्यवस्था इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह हर बिंदु की बारिकी से जांच में लगे हुए हैं.
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सेल्स टैक्स ऑफिस : साजिश के बिंदु पर पुलिस जांच शुरू
भागलपुर: वाणिज्य कर विभाग में आग लगने की घटना की आदमपुर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. इस मामले में पुलिस साजिश बिंदु पर भी जांच कर रही है. अलबत्ता विभाग के अधिकारी-कर्मी पुलिस की रडार पर है. उनसे पुलिस कभी भी पूछताछ कर सकती है. हालांकि जांच प्रभावित होने के भय से पुलिस […]
भागलपुर: वाणिज्य कर विभाग में आग लगने की घटना की आदमपुर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. इस मामले में पुलिस साजिश बिंदु पर भी जांच कर रही है. अलबत्ता विभाग के अधिकारी-कर्मी पुलिस की रडार पर है. उनसे पुलिस कभी भी पूछताछ कर सकती है.
दिन भर सेल्स टैक्स कार्यालय में रही गहमा-गहमी
सेल्स टैक्स कार्यालय में गुरुवार को दिन भर गहमा-गहमी बनी रही. संयुक्त कर आयुक्त सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक कर ताजा स्थिति की जानकारी लेते हुए कुछ आवश्यक निर्देश दिये. इसमें कहा गया कि जितने भी पकड़े गये ट्रक हैं, सभी से जुर्माना राशि वसूलने के तुरंत बाद रिलीज करें. इसके अलावा सर्किल का कार्य फिलहाल सर्किल इंचार्ज के चैंबर से ही शुरू करायें. लिपिक व अन्य कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तर्ज पर वहां बैठने की व्यवस्था करें, ताकि काम पर असर न पड़े. दोपहर बाद कार्यालय परिसर में सभी पकड़े गये ट्रकों का सामान निकाल कर जांच किया गया एवं जुर्माना तय किया गया. सूत्रों के अनुसार पटना से जांच टीम के आने की बात के मसले पर अधिकारियों का कहना है कि यहां के अधिकारियों पर कार्य का दबाव बनाने के लिए इस तरह की बातें कही गयी थी. वैसे किसी भी तरह की विभागीय जांच यहां नहीं होनी थी. एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि चूंकि मार्च क्लोजिंग सिर पर है इसलिए टारगेट पूरा करने के लिए समय-समय पर दबाव बनाया जाता है.
आखिर गार्ड ने कार्यालय छोड़ने की सूचना क्यों छिपायी?
मंगलवार की देर रात सेल्स टैक्स कार्यालय में आग लगने की घटना के वक्त जिस गार्ड की ड्यूटी लगायी गयी थी उसने कार्यालय छोड़ने से पहले क्यों नहीं किसी अधिकारी को सूचना दी. अगर वह कार्यालय नहीं आया था तब भी इसकी सूचना संबंधित अधिकारी को क्यों नहीं दी गयी. विभागीय अधिकारी ने अब तक संबंधित गार्ड से शो कॉज तक नहीं पूछा है. अगर संबंधित पदाधिकारी को सूचना दी भी गयी तो उक्त अधिकारी ने क्यों नहीं वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए किसी दूसरे गार्ड को कार्यालय में प्रतिनियुक्त किया. ये सभी सवाल अनुत्तरित हैं. आग कैसे लगी यह भी पता नहीं चल पाया है. यह प्रश्न भी है कि आग लगने से क्या किसी को फायदा भी हुआ है.
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