किस मद की कितनी राशि है, इसकी सूची भी मिली. अलमारी खोलते समय विश्वविद्यालय प्रोक्टर डॉ राम प्रवेश सिंह, विभागाध्यक्ष प्रो विद्या रानी, विभाग के शिक्षक मौजूद थे. विभागाध्यक्ष ने बताया कि शोध प्रविधि, पत्रकारिता विभाग, सेमिनार आदि मद की राशि उसमें शामिल थी. अलमारी में सारी सामग्री सुरक्षित थी.
ज्ञात हो कि सात नवंबर की रात तत्कालीन हेड क्लर्क नरेश तिवारी को पुलिस के हवाले किया गया था. तिवारी पर विभाग की एक छात्र ने दुष्कर्म करने का प्रयास करने का आरोप लगाया था. इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था. अलमारी की चाबी तिवारी के पास ही चले जाने के कारण अलमारी खोली नहीं गयी थी.