भागलपुर: लगातार पांच दिनों से शहर में कचरा नहीं उठने से सोमवार को नगर की स्थिति नारकीय हो गयी. सभी सड़कों पर कचरे का ढेर लग गया. इससे आम लोगों में निगम प्रशासन व सफाइकर्मियों के प्रति रोष है. दूसरी ओर अपनी मांगों को लेकर अस्थायी सफाइकर्मी उग्र हो गये. सुबह से निगम गोदाम पर जमा कर्मियों ने नारेबाजी शुरू कर दी. नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नगर निगम कार्यालय पहुंचे व प्रदर्शन किया.
आंदोलनकारी सुबह 11 बजे निगम के तीनों मुख्य गेट पर धरना पर बैठ गये. निगमकर्मियों ने अंदर से ताला लगा दिया था. आंदोलनकारी तीनों गेट पर तैनात थे, ताकि कोई खोल नहीं सके.करीब सात घंटे तक निगम परिसर में मेयर, नगर आयुक्त व कर्मी बंधक बने रहे. कोई भी वहां से बाहर नहीं निकल पा रहा था.
शहर में महामारी की आशंका : निगम व अस्थायी सफाई कर्मियों की जिच व हड़ताल से चौक-चौराहों से लेकर वार्ड के गली मोहल्ले में कूड़े का अंबार लगा हुआ है. कूड़ा के उठाव नहीं होने से शहर में टनों कूड़ा इकट्ठा हो गया है. हर ओर दरुगध फैला हुआ है. शहर में महामारी फैलने की आशंका जतायी जा रही है.
सफाइकर्मी से की मारपीट : एजेंसी
दोनों एजेंसीवालों ने बताया कि सोमवार को 1 से 36 वार्ड तक सफाई के लिए बाहर से सफाइकर्मी को लाकर काम पर लगाया गया था. इन सफाइकर्मियों को अस्थायी सफाइकर्मियों ने मारपीट कर भगा दिया.
बाहर से लायेंगे सफाई कर्मी
दोनों एजेंसी वालों ने कहा कि उन लोगों को वार्ड की सफाई का काम करवाना है. एजेंसी के विकास कुमार ने बताया कि सोमवार को नाथनगर से सफाई कर्मी को लाकर वार्ड की सफाई करवा रहा था, तभी अस्थायी कर्मी आये और सफाइकर्मी को मारपीट कर भगा दिया. उन्होंने बताया कि मंगलवार को बाहर से सफाइकर्मी मंगा कर वार्ड की सफाई करवायेंगे.
फंसे रहे कई लोग, हुई परेशानी
निगम में काम से कई लोग गये थे. आंदोलनकारियों के कारण वो अंदर ही फंसे रह गये. अंदर फंसे भीखनपुर गुमटी नंबर तीन के महेश राय का कहना था कि उनको कई जरूरी काम था पर वह फंस गये. उनकी नाराजगी थी हड़तालियों से. इसी तरह कई लोग फंसे हुए थे. उनका कहना था कि आंदोलन का यह मतलब नहीं कि सबको परेशान करें. लोगों ने कहा कि सफाई कर्मियों को बात करनी चाहिए. लोगों को परेशान करने से कैसे काम चलेगा.