भागलपुर: मारवाड़ी कॉलेज के उर्दू विभाग की ओर से सोमवार को पांच दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई. कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे ने उद्घाटन किया. कुलपति ने कहा कि यह अच्छी बात है कि बहुत समय के बाद उर्दू भाषा को लेकर इस तरह की कार्यशाला आयोजित हो रही है. उर्दू एक ऐसी भाषा है, जो सबको साथ लेकर चलती है.
इसमें तमाम लोगों का योगदान रहा है. भाषा वही अधिक सफल रहती है, जिसमें सबको साथ रखने की शक्ति होती है. प्रतिकुलपति प्रो एके राय ने कहा कि उर्दू एक भाषा नहीं, एक तहजीब है. उन्होंने मारवाड़ी कॉलेज के प्राचार्य व आयोजकों को इस आयोजन के लिए बधाई दी.
नेशनल टेस्टिंग सर्विस (सीआइआइएल) के रिसोर्स पर्सन डॉ जीएम सालिक ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य माध्यमिक, उच्च व उच्चतर शिक्षा में छात्रों को पूछे जानेवाले प्रश्नों की उलझी भाषा को सुलझाना है. उन्होंने कहा कि जो प्रश्नपत्र बनाया जाता है, उसमें कई प्रश्न में प्रश्नकर्ता पूछना क्या चाहते हैं, वह स्पष्ट नहीं होता है. इसके कारण छात्र जवाब लिखते वक्त उलझ जाते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए कि छात्र को प्रश्न पढ़ने के बाद यह पता ही न चले कि लिखना क्या है. प्राचार्य डॉ एमएसएच जॉन ने अतिथियों का स्वागत किया. मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन मारवाड़ी कॉलेज के उर्दू विभाग के अध्यक्ष डॉ शाहिद रजा जमाल ने किया. इस मौके पर डीएसडब्ल्यू डॉ गुरुदेव पोद्दार, भाषा विशेषज्ञ डॉ इकबाल हसन, पीजी उर्दू के विभागाध्यक्ष डॉ शादाब रजी, पीजी उर्दू की पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ बदरुद्दीन शबनम, क्रीड़ा परिषद के सचिव डॉ तपन कुमार घोष के अलावा लगभग 25 डेलिगेट्स, मारवाड़ी कॉलेज के विभिन्न विभागों के अध्यक्ष व शिक्षक, विभिन्न महाविद्यालय के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मी, छात्र-छात्राएं आदि मौजूद थे.