सुल्तानगंज: नववर्ष में बुराई को त्याग कर सद्गुणों को अपनाने का संकल्प लें. ये बातें हरिद्वार से पहुंचे स्वामी सुबोधानंद जी महाराज ने कहीं. उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नववर्ष मनाया जाता है.
लेकिन, पश्चिमी सभ्यता संस्कृति हावी होने के कारण एक जनवरी को नववर्ष मनाने की परंपरा विकसित हो गयी है. नववर्ष की शुरुआत धार्मिक आयोजन, पूजा-पाठ, हवन, यज्ञ, भजन, संकीर्तन, दान-पुण्य के साथ करें.
हवन यज्ञ के साथ प्रतिमा का विसजर्न : आदर्श मध्य विद्यालय में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ की गुरुवार को हवन के साथ पूर्णाहुति की गयी. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हवन यज्ञ में आहूति देकर जीवन को धन्य किया. कथा प्रशाल में स्थापित कृष्ण, राधा व हनुमान की प्रतिमा का विसजर्न नगर भ्रमण के बाद उत्तरवाहिनी गंगा में किया गया. इस मौके पर अध्यक्ष त्रिवेणी शर्मा, राम लखन चौधरी, अरूण चौधरी, विजय चौधरी, प्रेमनाथ गुप्ता, विजय निराला, पवन झा, गौतम सिंहा, निर्मल चौरसिया, निरंजन पोद्दार, विजय विश्वास, विजय यादव, रवि, ध्रुव मोदी, शिव जी आदि कई लोग शामिल थे.