24.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रोजा में गलत कामों से बचें

भागलपुर: रमजान का पवित्र महीना अजमत व रहमत से भरा है. इस माह में जितनी भी इबादत की जाये कम है. यह महीना इसलाम धर्म के पाक महीनों में शुमार किया जाता है. इसी माह में कुरान-ए-पाक नाजिल हुई, जो इसलाम धर्म की पाक किताब है. कुरान-ए-पाक में रोजा रखना हर मुसलमानों के लिए जरूरी […]

भागलपुर: रमजान का पवित्र महीना अजमत व रहमत से भरा है. इस माह में जितनी भी इबादत की जाये कम है. यह महीना इसलाम धर्म के पाक महीनों में शुमार किया जाता है. इसी माह में कुरान-ए-पाक नाजिल हुई, जो इसलाम धर्म की पाक किताब है.

कुरान-ए-पाक में रोजा रखना हर मुसलमानों के लिए जरूरी बताया गया है. रोजा सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का नाम नहीं, बल्कि ईल या गलत काम से बचना भी है. इसका मतलब शारीरिक व मानसिक दोनों कामों को नियंत्रण में रहते हुए करना है. उक्त बातें गनीचक जामा मसजिद के इमाम मौलाना सैयद बेलाल अशरफ ने कही. उन्होंने बताया कि इस माह में किये गये इबादत के सबाब सत्तर गुणा बढ़ा दिये जाते हैं.

एक सौ दरूद शरीफ पड़ने पर एक लाख दरूद शरीफ के बराबर सबाब मिलता है. रोजेदारों की दुआ पर फरिश्ते आमिन बोलते हैं. हुजूर सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम ने फरमाया है कि जो शख्स बेगैर किसी वजह के रमजान का एक रोजा भी छोड़ता है, तो यदि वह सारी उम्र भी रोजा रखता है तो उस रोजे का मुआवजा नहीं बन सकता है. मौलाना अशरफ ने बताया कि एक हदीस के मुताबिक हजरत पैगंबर साहब ने रोजेदारों से कहा कि इस मुबारक महीने में किसी तरह के झगड़े या गुस्से से न सिर्फ मना फरमाया गया है बल्कि किसी से गिला शिकवा है, तो उससे माफी मांग कर समाज में एकता कायम करने की सलाह दी गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें