भागलपुर: फिजिशियंस डे के मौके पर मंगलवार को जेएलएनएमसीएच स्थित मेडिसिन विभाग के सेमिनार हॉल में एपीआइ के बिहार-झारखंड के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ डीपी सिंह की अध्यक्षता में बैठक की गयी. इसमें तय किया गया कि देश भर के सभी फिजिशियन 30-30 मरीजों की बीपी जांच करें और उसका डाटा तैयार करें. देश भर के तीन लाख मरीजों का रेकॉर्ड रखा जायेगा.
डॉ सिंह ने बताया कि 70 वर्ष पूर्व चेन्नई में एपीआइ चैप्टर का गठन किया गया था. उन्होंने बताया कि हमने 30 मरीजों की जांच की. इसमें 12 को बीपी, आठ को मधुमेह एवं चार को हर्ट की बीमारी थी. साथ ही मोटापा व थायराइड के मरीज भी थे. इसके अलावा चिकित्सक को ईश्वरीय गुणों से भरपूर माना जाता है. इसके लिए एक अच्छे डॉक्टर में अच्छे आदर्श, रंग भेद, जात-पात, गरीब-अमीर व दोस्त-दुश्मन का भाव न रहे. उनके लिए मरीज सिर्फ मरीज है और हर हाल में उसकी जान बचाना ही चिकित्सक का कर्तव्य है. एपीआइ सचिव डॉ शांतनु घोष ने बताया कि चिकित्सकों की समाज के प्रति क्या भूमिका है. इस पर सबको एक साथ सोचना होगा. लोग कैसे स्वस्थ रहें, इसके लिए उनको जागरूक करना होगा.
डॉ हेम शंकर शर्मा ने बताया कि गरीब मरीज व चिकित्सकों को ऊपर उठाने को लेकर हमलोग एक योजना बनायेंगे, ताकि वह चिकित्सक भी अधिक से अधिक मरीजों की सेवा कर सके. इस मौके पर डॉ केडी मंडल ने रावण व सुखेन वैद्य के साथ लक्ष्मण को लगे शक्ति वाण पर चर्चा की. कार्यक्रम में डॉ राजीव सिन्हा, डॉ मायानंद झा, डॉ आरपी जायसवाल, डॉ अविलेश कुमार, डॉ भरत भूषण, डॉ शत्रुघन महतो, विश्वजीत कुमार चौधरी समेत अन्य मौजूद थे.