भागलपुर : बिजली विभाग के इंजीनियर किसकी बात माने धर्म संकट में हैं. वे अपने विभागीय ऊर्जा सचिव की या फिर डीएम की बात माने. सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में राज्य के सभी इंजीनियरों को निर्देश दिया था कि वे 11 को किसी भी फीडर से बिजली नहीं काटेंगे.
जरूरत पड़ने पर संबंधित जगह के ट्रांसफारमर से बिजली काटें, लेकिन गुरुवार को बरारी फीडर की बिजली दोपहर 12 बजे से काट दी गयी. इंजीनियरों ने बताया कि सचिव का निर्देश था कि अगर फीडर से बिजली काटी गयी तो इंजीनियर की नौकरी भी जा सकती है.
ऐसे में डीएम के यहां से निर्देश आया था कि अतिक्रमण हटाया जा रहा है, इसलिए बिजली काट दी जाये तो हमने वहां की बिजली काट दी थी. 11 को 24 घंटे ट्रायल पर बिजली देना था ताकि राज्य में कितनी बिजली की खपत होगी उसका आकलन हो सके. इसके पूर्व अब तक विभाग के पास वास्तविक लोड का आकलन ही नहीं है. इस दौरान बरारी के लोगों को बिजली के बिना काफी परेशानी हुई.
कई लोगों ने तो यहां तक सोच रखा था कि चलो आज बिजली नहीं कटेगी पर जैसे ही बिजली कटी लोगों में आक्रोश होने लगा. बरारी के ललन कुमार, सोमनाथ ठाकुर सहित अन्य ने बताया कि प्रशासन को पूर्व में सूचना देनी चाहिए थी कि बिजली काटी जायेगी. जब यह तय हुआ था कि बिजली ट्रायल के तौर पर 24 घंटे दी जायेगी तो काटना ही नहीं चाहिए.