भागलपुर: पाकिस्तान के पेशावर जैसी घटना भागलपुर में हो जाये, तो यहां की व्यवस्था टांय-टांय फिस हो जायेगी. भागलपुर के स्कूल व कॉलेज में सुरक्षा के इंतजाम के रूप में डंडावाले गार्ड को छोड़ कर कुछ भी नहीं है. सीसीटीवी कैमरे तो लगे हैं, लेकिन इससे घटना की रिकॉडिंग हो सकती है, बचाव नहीं. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कॉलेजों की स्थिति देखें, तो एसएम कॉलेज स्थित हॉस्टलों में रहनेवाली छात्रओं की सुरक्षा भगवान भरोसे है. कुछ नाइट गार्ड और वह भी केवल डंडा के सहारे निगेहबानी करते हैं. इसी तरह मारवाड़ी कॉलेज व इसके हॉस्टल की भी स्थिति है.
टीएनबी कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था तो और भी खराब है. कॉलेज में घुसने के लिए छह गेट हैं. दो गेट पर दरवाजे हैं, इनमें एक गेट का दरवाजा टेढ़ा रहने के कारण ताला नहीं लग पाता. मेन गेट ठीक है, लेकिन अन्य गेट को बंद करने की कोई व्यवस्था नहीं है.
चहारदीवारी इतनी ऊंची नहीं कि बचाव करने में सक्षम हो. विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर पुरुष छात्रवासों में कई छात्रवास बिना चहारदीवारी के है. चोरी की घटना से छात्र आजिज हैं. महिला छात्रावास के लिए भी सुरक्षा के नाम पर लाठी वाले कुछ गार्ड कार्यरत हैं. तकरीबन 600 छात्रओं की सुरक्षा दो गार्ड के भरोसे है. इसी तरह स्कूलों की भी सुरक्षा व्यवस्था है. सरकारी स्कूलों की सुरक्षा, तो राम भरोसे है. निजी स्कूलों में डंडा वाले गार्ड सुरक्षा करते हैं.