-दो-ढ़ाई साल पहले बंद पड़े बाल श्रम विद्यालय का फिर से चालू होना बना है संशय -भवन और अन्य सन्निर्माण उपकर अधिनियम के तहत निजी मकान बनाने वालों वसूली गयी राशि निर्माण से जुड़े श्रमिकों को अनुदार के रूप में दी जाती है. संवाददाता, भागलपुर पूरे राज्य में बाल श्रम विद्यालय बंद है. यह योजना केंद्र सरकार की है और फिर से चालू होगी या नहीं, यह केंद्र सरकार पर निर्भर करता है. लेकिन, इसमें काम करने वालों की जो बकाया राशि है, उसे दिलाने का प्रयास करेंगे. उक्त बातें श्रम संसाधन मंत्री दुलाल चंद गोस्वामी ने परिसदन में प्रभात खबर के साथ विशेष बातचीत में कही. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने बाल श्रम विद्यालय में काम किया है, उनको मेहनताना मिलेगा. उन्होंने कहा कि भवन और अन्य सन्निर्माण उपकर अधिनियम के तहत निजी मकान बनानेवालों को 10 लाख तक कोई शुल्क नहीं लगता है. इसके बाद की लागत पर एक प्रतिशत शुल्क लिया जाता है. शुल्क राशि कल्याण बोर्ड में जमा करायी जाती है. इस राशि से ही बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के निबंधित श्रमिकों को लाभ पहुंचाया जाता है. उन्होंने बताया कि निर्माण से जुड़े श्रमिकों को भवन मरम्मत, औजार एवं साइकिल खरीदने के लिए अनुदान राशि दी जाती है. इसके अलावा भी मातृत्व, मृत्यु हित लाभ, दाह संस्कार सहायता, विवाह सहायता, पेंशन, परिवार पेंशन, नि:शक्तता पेंशन, स्वास्थ्य सहायता के रूप में अनुदान राशि दी जाती है.
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बाल श्रम विद्यालय में काम करने वालों को मिलेगा बकाया राशि
-दो-ढ़ाई साल पहले बंद पड़े बाल श्रम विद्यालय का फिर से चालू होना बना है संशय -भवन और अन्य सन्निर्माण उपकर अधिनियम के तहत निजी मकान बनाने वालों वसूली गयी राशि निर्माण से जुड़े श्रमिकों को अनुदार के रूप में दी जाती है. संवाददाता, भागलपुर पूरे राज्य में बाल श्रम विद्यालय बंद है. यह योजना […]
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