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केस डायरी में पुलिस ने 164 का बयान का उल्लेख नहीं किया

– तपस्वी अस्पताल प्रकरण में हाइकोर्ट ने मांगी थी केस डायरी- दो दिसंबर को भेजी गयी डायरी, पर 164 के बयान के बगैरसंवाददाता, भागलपुर तपस्वी अस्पताल प्रकरण में हाइकोर्ट ने संपूर्ण केस डायरी की मांग भागलपुर पुलिस से की थी. अपने ऑर्डर में कोर्ट ने कहा था कि 21 नवंबर तक की संपूर्ण केस डायरी […]

– तपस्वी अस्पताल प्रकरण में हाइकोर्ट ने मांगी थी केस डायरी- दो दिसंबर को भेजी गयी डायरी, पर 164 के बयान के बगैरसंवाददाता, भागलपुर तपस्वी अस्पताल प्रकरण में हाइकोर्ट ने संपूर्ण केस डायरी की मांग भागलपुर पुलिस से की थी. अपने ऑर्डर में कोर्ट ने कहा था कि 21 नवंबर तक की संपूर्ण केस डायरी भेजें, लेकिन पुलिस ने बिना 164 के बयान का उल्लेख किये ही दो दिसंबर को केस डायरी भेज दी.जबकि 21 नवंबर को ही पीडि़ता का कोर्ट में 164 के तहत बयान हो गया था. फिर भी पुलिस ने केस डायरी में 164 के बयान का उल्लेख नहीं किया. इससे पुलिस की मंशा का पता चल जाता है. इस मामले में शुरू से ही पुलिस पर आरोपी पक्ष को मदद करने का आरोप लग रहा है. यहीं नहीं, पुलिस ने 21 नवंबर तक संपूर्ण केस डायरी न भेज कर हाइकोर्ट के आदेश की भी अवहेलना की है. ऐसे रही पुलिस की भूमिका संदिग्ध – घटना के बाद पुलिस की मौजूदगी में आरोपी डॉक्टर मृत्युंजय कुमार भाग निकले, लेकिन किसी ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया. – आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी न होने की सूरत में पुलिस ने आरोपी को नोटिस दिया, फिर भी आरोपी उपस्थित नहीं हुए.- पीडि़ता का 164 के तहत बयान करवाने में सूचक ने पहल की, जबकि यह पहल पुलिस को करनी चाहिए थी.- 18 नवंबर को 164 के तहत बयान करवाने का ऑर्डर हुआ. दो दिनों का समय पुलिस को दिया गया. – पुलिस ने 21 नवंबर को शाम में कोर्ट में बयान करवाया. उसी दिन हाइकोर्ट में सुनवाई भी थी. – इस मामले में शुरू से ही पीडि़ता की मांग है कि महिला आइओ केस की जांच करे, लेकिन अब तक महिला आइओ को केस का प्रभार नहीं दिया गया.

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