भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पेंशनधारियों की परेशानी बकाया राशि के भुगतान में विलंब होने के कारण बढ़ती जा रही है. अवकाश प्राप्त शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो राम चरित्र सिंह ने बताया कि करोड़ों की बकाया राशि विश्वविद्यालय के खाते में पड़ी हुई है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन भुगतान करने की तरफ रुचि नहीं ले रहा है.
उन्होंने बताया कि बुढ़ापे में विश्वविद्यालय कार्यालय की दौड़ लगाना संभव नहीं है. कई पेंशनर हैं, जो बीमार हैं. कोई बेड से उठ नहीं पा रहे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन को इनके दर्द से कोई मतलब नहीं है. अगर मतलब होता, तो भुगतान की प्रक्रिया में तेजी बरती जाती. प्रो सिंह ने विश्वविद्यालय प्रशासन से बकाया राशि भुगतान करने की दिशा में गंभीरता बरतने की मांग की है.
हों जागरूक, करें अपने अधिकार का इस्तेमाल
कॉलेज में एडमिशन हो या परीक्षा की तैयारी. स्टूडेंट का बेहतर विकल्प प्राइवेट लॉज है, लेकिन जो वादे किये जाते हैं वो बाद में कितना धरातल पर होता है यह छात्र-छात्रओं से बात करने के बाद ही लॉज की स्थिति सामने आयी. वहां न तो वहां बिजली की सही व्यवस्था होती है, न ही रहने के लिए सही कमरा या बेड. अधिकतर प्राइवेट लॉजों की यही कहानी है.
स्टूडेंट मजबूरी में कु छ कर नहीं पाते हैं. चाहे जैसा भी हॉस्टल हो वो पढ़ने के लिए उसमें रहने को विवश हैं. लड़के तो किसी तरह रह भी लेते हैं, लेकिन लड़कियों की हालत काफी खराब रहती है. उन्हें न तो सुरक्षा मिलती है न ही पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल. आज हम इस श्रृंखला का समापन नीति निर्धारकों और निगरानी करने वाली एजेंसी के मुखिया के विचार से कर रहे हैं जो वे इन प्राइवेट लॉजों के संचालन और उसके प्रशासनिक पहलू के बारे में रखते है.