फोटो – नवगछिया फोल्डर में प्रतिनिधि,सबौर. कृषि विज्ञान केंद्र सबौर की ओर से मंगलवार को गोराडीह प्रखंड के खरबा व विरनौध गांव में धान में नील हरित शैवाल के प्रयोग पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन केवीके के कार्यक्रम समन्वयक डॉ विनोद कुमार ने की. उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए नील हरित शैवाल के प्रयोग के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला और इससे होने वाले लाभ पर चर्चा की. किसानों ने नील हरित शैवाल के प्रयोग करने से अधिक उपज व स्वस्थ दानें होने की बात बतायी. किसानों ने कहा कि जिस खेत में 15 -20 दिन से पानी जमा था, उसमें नील हरित शैवाल का प्रयोग चार किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से धान रोपनी के एक सप्ताह बाद किया गया था.उत्पादकता में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी पायी गयी. किसानों ने इस प्रयोग के सफल होने के बाद धान की अगली फसल में एक से सवा सौ एकड़ में इस तकनीक को अपनाने की बात कही. मौके पर केवीके के वैज्ञानिक अनिता कुमारी, ईं पंकज कुमार, डॉ संजीव कुमार, डॉ जियाउल होदा, डॉ अजय कुमार मौर्य, प्रमुख किसान बच्चू प्रसाद सिंह, वासुदेव सिंह, भागीरथ साह, मंजू देवी, पुष्पा देवी, रामकृष्ण सेवक सहित सैकड़ों किसान उपस्थित थे.
नील हरित शैवाल के प्रयोग पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन
फोटो – नवगछिया फोल्डर में प्रतिनिधि,सबौर. कृषि विज्ञान केंद्र सबौर की ओर से मंगलवार को गोराडीह प्रखंड के खरबा व विरनौध गांव में धान में नील हरित शैवाल के प्रयोग पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन केवीके के कार्यक्रम समन्वयक डॉ विनोद कुमार ने की. उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए […]
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