प्रतिनिधि, सन्हौलासन्हौला प्रखंड में सिंचाई के लिए सरकारी व्यवस्था नगण्य है. दर्जनों ट्यूबवेल बंद पड़े हैं. प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र में हजारों एकड़ भूमि की सिंचाई मुख्य रूप से गेहरा नदी से निकलने वाली नहर पर निर्भर है. लेकिन, हाल में सखुआ गांव के निकट नहर टूट गयी है. इससे गेहूं की बोआई करने वाले किसान चिंतित हैं. ज्यादातर किसान निजी बोरिंग व पंपिंग सेटों से सिंचाई करते हैं. कृषि विभाग द्वारा गेहंू, चना, मक्का, मसूर आदि का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन सभी किसानों को यह नहीं मिल पा रहा है. ज्यादातर किसानों को बाजार से बीज व खाद की खरीद करनी पड़ रही है. किसानों की शिकायत है कि खाद-बीज के लिए दुकानदार अधिक पैसे लेते हैं. किसान सुरेश यादव, सुभाष प्रसाद यादव, नंदकिशोर मंडल, गुलाबी शर्मा आदि ने बताया कि खाद उचित मूल्य पर नहीं मिल पा रही है. खाद की जम कर कालाबाजारी हो रही है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी पवन कुमार ने बताया कि सिंचाई विभाग को मृतप्राय ट्यूबवेल ठीक कराने के लिए कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन परिणाम शून्य है. लक्ष्य के अनुसार विभिन्न योजनाओं के तहत बीज वितरण किया जा रहा है. अब तक 500 किसानों को बीज वितरण किया गया है. वितरण जारी है.
फसल की सिंचाई भगवान भरोसे, खाद की हो रही कालाबाजारी
प्रतिनिधि, सन्हौलासन्हौला प्रखंड में सिंचाई के लिए सरकारी व्यवस्था नगण्य है. दर्जनों ट्यूबवेल बंद पड़े हैं. प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र में हजारों एकड़ भूमि की सिंचाई मुख्य रूप से गेहरा नदी से निकलने वाली नहर पर निर्भर है. लेकिन, हाल में सखुआ गांव के निकट नहर टूट गयी है. इससे गेहूं की बोआई करने वाले […]
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