नवगछिया: खरीक प्रखंड के तुलसीपुर पंचायत में मनरेगा के सामाजिक वानिकी के तहत लगने वाले पौधरोपण योजना में व्यापक रूप से गड़बड़ी उजागर हुई है.
पंचायत की महिला सरपंच सुमन भारद्वाज के नेतृत्व में ग्रामीणों ने स्थल पर जाकर पौधों की वास्तविकता देखी. उन्होंने वरीय पदाधिकारियों को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. सरपंच ने कहा है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे लोग उग्र आंदोलन को विवश होंगे. सरपंच का कहना है कि मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी ने मुखिया पति से मिल कर इस तरह की धांधली की है. लगभग तीन वर्ष पुरानी योजना में अब तक सभी राशि की निकासी कर ली गयी है.
तुलसीपुर हाइस्कूल से जमुनिया गांव तक कुल दो इकाई में चार सौ पौधरोपण किया जाना था, लेकिन स्थल पर वर्तमान में मात्र 42 पौधे ही हैं.
पौधे स्थानीय स्तर के ही लगाये गये हैं, जिसमें जामुन, नीम, कहुआ आदि अन्य स्थानीय स्तर पर ही पाये जाने वाले पौधे हैं. पौधों को यत्र तत्र लगाया गया है. न तो किसी प्रकार की क्यारी बनायी गयी है और न ही सुरक्षा कवच ही दिया गया है.
स्थल पर एक भी चापाकल मौजूद नहीं है, जबकि स्थल पर नियमत: दो चापानल होना चाहिए था. ग्रामीणों ने कहा कि जब मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी को कहने गये, तो उन्होंने कहा कि जितने भी पौधे लगे हैं नियमत: है. किसी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है. ग्रामीणों व सरपंच महोदया को शक है, तो कहीं भी जाने के लिए वे स्वतंत्र हैं. पदाधिकारी के इस बयान से ग्रामीणों में आक्रोश है. ग्रामीणों ने कहा कि यहां पर मनरेगा की योजना में व्यापक अनियमितता हुई है. सुधार नहीं हुआ, तो वे लोग पंचायत में मनरेगा की एक भी योजना को आने नहीं देंगे.