भागलपुर: गड़बड़ बिजली बिल से नाराज उपभोक्ताओं ने गुरुवार को मोजाहिदपुर बिजली ऑफिस में तोड़फोड़ की और इंजीनियरों को खदेड़ दिया. उपभोक्ताओं ने न केवल फ्रेंचाइजी कंपनी के स्टाफ को खरीखोटी सुनाई और उनके साथ हाथापाई भी की. हंगामा लगभग तीन घंटे तक जारी रहा.
हंगामे के दौरान उपभोक्ताओं ने मोजाहिदपुर बिजली ऑफिस के नया बाजार प्रशाखा का दरवाजा तोड़ दिया और टेबल-कुरसी को भी पटक कर तोड़ दिया. उपभोक्ता ने कार्यालय में मौजूद इंजीनियर को भी खदेड़ दिया. बाद में मौके पर पहुंची मोजाहिदपुर पुलिस के समझाने के बावजूद उपभोक्ताओं ने हंगामा जारी रखा. हंगामा की सूचना पर मौके पर पहुंचे फ्रेंचाइजी कंपनी के जीएम और हेड पीआरओ रानी चौबे को भी उपभोक्ताओं ने खूब खरीखोटी सुनाई. बाद में हेड पीआरओ ने उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर लेकर सोमवार तक बिजली बिजली की गड़बड़ी को दूर करने का आश्वासन दिया. उसके बाद उपभोक्ता वापस लौटे.
हंगामे के बाद कामकाज ठप . मोजाहिदपुर बिजली ऑफिस में हंगामे के बाद कामकाज ठप हो गया. बिजली बिल जमा करने पहुंचे उपभोक्ताओं को लौटना पड़ा. बिल संशोधन करने आये उपभोक्ताओं को भी लौटने की मजबूरी बनी रही. समय से पहले ही बिजली ऑफिस बंद हो गया.
बोले उपभोक्ता
उपभोक्ता मिरजानहाट निवासी दीपक कुमार ने बताया कि अनिता देवी ने नये बिजली कनेक्शन के लिए छह सितंबर को आवेदन दिया है. इसके बाद से वे लगातार कार्यालय का चक्कर लगा रही हैं लेकिन अब तक नया कनेक्शन नहीं मिला है. कमलनगर कॉलोनी निवासी वरुण कुमार व अलीगंज निवासी सुनील प्रसाद साह ने बताया कि पिछले माह भुगतान के बाद भी जोड़ कर बिल भेज दिया गया है. सिकंदरपुर निवासी नंद किशोर मोदी ने बताया कि एक माह में घरेलू कनेक्शन पर 9748 रुपये का बिल भेज दिया गया है, जबकि पिछले माह तक का बिल अपडेट है. संती अनवर ने बताया कि कुदुस अंसारी के नाम बिजली कनेक्शन है और तीन माह का 28 हजार से ज्यादा का बिल भेजा है. संशोधन के नाम पर रोज दौड़ाया जा रहा है. वारसलीगंज निवासी सीएन झा ने बताया कि 63,527 रुपये का बिल आया है. रोज बिजली दफ्तर का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अबतक बिल संशोधन नहीं हो सका है.
गलत नाम को ठीक कराये बिना लौटे पूर्व कुलपति
बिल में नाम की गड़बड़ी को ठीक कराने पहुंचे पूर्व कुलपति निलांबुज किशोर वर्मा को बैरंग लौटना पड़ा. उन्होंने बताया कि नाम सही कराने पहुंचे थे, लेकिन किसी की ओर से ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि निलांबुज की जगह निलंबज आ गया है, जिसे सही कराना आवश्यक है.